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कण-कण में भगवान - प्रेरक प्रसंग

सत्गुरु से बड़ा कोई भी नहीं

गुरु और परमात्मा में एक अंतर है

जीवन में दुःख क्यों है

गुरु के दर्शन

मैं और मेरी

हरि रूठे ठौर है , गुरु रूठे नहि ठौर - सत्संग

जलालुद्दीन रूमी की बिनती

परमात्मा ही प्रेम है (अध्यात्म)

सत्गुरु का लगातार ध्यान करना ही मालिक (परमात्मा) का दर्शन करना है। - अध्यात्म

तुलसीदासजी को वृन्दावन में राम दर्शन - परमात्मा विभिन्न रूपों में दर्शन देता है!