दुनियां का सबसे बड़ा झूठ जानते हो क्या है?

हम रोज अच्छी बातें पढ़ते हैं! कुछ लोग तो सत्संग भी सुनते हैं, महापुरुषों के विचार भी पढ़ते हैं और अच्छे-अच्छे लोगों से मिलकर ज्ञान की बातें भी सीखते हैं! लेकिन, क्या इन सबसे हमारे जीवन में बदलाव आएगा?

हम सोचते हैं कि किसी महापुरुष की बातें सुनने से या अच्छी किताबें पढ़ने से हमारे जीवन में बदलाव आ जाएगा तो इससे बड़ा झूठ और इससे बड़ा भ्रम इस दुनियां में दूसरा कोई भी नहीं है। 

कोई आएगा और हमें कुछ बातें बताएगा और हम बदल जाएंगे, ये एक भ्रम ही तो है! 

अगर किसी के कहने से दुनिया बदल जाती तो भगवान को बार-बार इस धरती पर जन्म क्यों लेना पड़ता? एक राम ही काफी थे, एक कृष्ण ही काफी थे, एक महावीर ही काफी थे या एक बुद्ध ही काफी थे! 

लेकिन, सच तो ये है कि हमको खुद अपने आप को बदलना है! 

हम क्या पढ़ते हैं, क्या देखते हैं या क्या सुनते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता! 

फर्क पड़ता है तो इस बात से कि हम किस बात को अपने जीवन में उतारते हैं! हम जिस बात को भी अपनाएंगे, वैसे ही हो जाएंगे! 

बुद्ध में और हम में कोई भी फर्क नहीं है! 

महात्मा बुद्ध के अंदर जो ईश्वर था, वो ही हम में है। वो ही प्राण है और वो ही चेतना है। 

सब कुछ समान और हमको बनाने वाला भी एक ही है। 

हमें बनाने वाले उस ने कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। हम को सब कुछ देकर भेजा है।

बस एक चीज का फर्क है! महात्मा बुद्ध ने कुछ बातों को अपना लिया और हमने सिर्फ एक कान से सुना और दूसरे से निकाल दिया!

इसीलिए तो हम आज भी भटक रहे हैं। बस इतना ही फर्क है हम में और महात्मा बुद्ध में! 

महात्मा बुद्ध ने खुद को पहचाना और सत्य को अपना लिया। 

...और हम सिर्फ सुनकर या पढ़कर ही बदलाव खोजते रहे! 

घर में हम चाहे कितने भी इन्वर्टर या जेनरेटर लगवा लें! 

लेकिन, जब तक हम स्विच ऑन नहीं करेंगे तो बल्ब नहीं जलेगा। 

ठीक उसी तरह हम कितनी भी ज्ञान की बातें पढ़ लें या सुन लें! लेकिन, जब तक हमारे अंदर का स्विच ऑन नहीं होगा तो हम वैसे ही रहेंगे जैसे कल थे! 

कल में से निकलिए और आज में जिया कीजिये! 

नकारात्मक पुराने विचारों को त्याग कर सकारात्मक नए विचारों को अपनाइए और खुद को पहचानिए! तभी हम में कोई सकारात्मक बदलाव आएगा!

 

प्रस्तुतिकर्ति:           

सुश्री सुजाता कुमारी,                          र्वोपरि संपादिका एवम् प्रभारी, सम्पादकीय इकाई (आत्मीयता पत्रिका) 

X -@sujatakumarika

(स्रोत: सर्वाधिक प्रचारित लोकप्रिय भारतीय जनसाहित्य, कबीर सागर एवं अन्य सत्साहित्य; इंटरनेट, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप्प, एक्स पर मुफ़्त में उपलब्ध छायाचित्र, चलचित्रिका और अन्य सामग्री)

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