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मोक्ष का द्वार... (सतसंग - प्रेरक वचन) THE DOOR TO THE MOKSHA - SPIRITUAL LIBERATION

सात शरीर और सात चक्र - अध्यात्म

मांसाहारी या शाकाहारी - भजन के लिए?

हरि रूठे ठौर है , गुरु रूठे नहि ठौर - सत्संग

दु:ख भुगतना ही कर्म का कटना है - अध्यात्म

विधि का विधान - अध्यात्म

जब आपके घर में कोई पुण्यशाली व्यक्ति होता है तब आपका कोई भी नुकसान नहीं कर सकता!

जब भगवान राम ने भक्त के लिए बनाई रसोई - अध्यात्म

घर से जब भी बाहर जायें तो... (अध्यात्म)

कार्तिक (दामोदर) मास का इतना माहत्म्य क्यों? - अध्यात्म

शरद पूर्णिमा का महत्व- अध्यात्म

सत्गुरु का लगातार ध्यान करना ही मालिक (परमात्मा) का दर्शन करना है। - अध्यात्म

" सहजो, मौत के समय पीड़ा उठे अपार! बिच्छू सात हजार जो डंक मारें एक साथ" - अध्यात्म

ऐसे मुर्शिद और राहबर का क्या फायदा जो अपने मुरीदों और चाहने वालों की मुसीबतों में रूहानी मदद ही न करे...। (IT IS USELESS TO FOLLOW A SPIRITUAL MASTER/GUIDE WHO DOESN'T HELP DISCIPLES IN NEED...!)

राम शब्द का असली अर्थ क्या है?

परमात्मा ने आप सभी को भी स्वतंत्र कुशाग्र बुद्धि प्रदान की है, उसे किसी भी गुरु को न सौंपे!

राम रहीम और रामपाल जैसे तथाकथित प्रसिद्ध संतों को ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी की नेक सलाह है कि वे भोले भाले भक्त-समाज को हिंसात्मक न बनाएँ!