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गुरु और परमात्मा में एक अंतर है

जीवन में दुःख क्यों है

गुरु के दर्शन

जिस तरह चाहे नचा ले तू मीरा हूं मैं तेरी

गुरु आज्ञा मानै नहीं, चलै अटपटी चाल

जीवन झूठ है और मौत सच्चाई है

गुरु पर पूर्ण विश्वास - अध्यात्मिक कथा

सत्गुरु का लगातार ध्यान करना ही मालिक (परमात्मा) का दर्शन करना है। - अध्यात्म

माता पिता के प्यार और गुरु का ॠण (प्रेरक सतसंग - अध्यात्म)

गुरुपूर्णिमा का भक्तों और शिष्यों के लिए सबसे अधिक महत्व क्यों है?