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बापू के पथ पे चलना सीखें सखी री...! (जनहित की रामायण - 30)

बहना उठा लो हौसला प्रश्न पूछने का! (जनहित की रामायण - 29)

सुपारी प्रवृति और प्रकृति

जनहित की कालेधन की जड़ की बात - आवेशवाणी

रामराज की प्यास - आवेशवाणी

इन्तहा हुई जुल्मों-सितम की - अबला को ही अस्त्रशस्त्र अब थमा दो! - आवेशवाणी

आधुनिक महादुष्टों के अमानवीय निर्णय - ज्वलंत आवेशवाणी

हुई क्यों सुकोमल प्रजातंत्रिका विवश निर्दयी राजनीतितंत्र के समक्ष? - आवेशवाणी (जनकाव्य)