राम राज की प्यास थी,
अच्छे दिन की आस थी !
जनता आज उदास है,
कल भी तो उदास थी !!
कल भी है रहना उदास,
जनहक में रहा गर न विश्वास !
आम सब बनेंगे गुलाम,राज करेंगे कुछ ही खास !!
आपस में लड़ पड़े तो
जान के लाले पड़ जाएंगे !
बेमौत लौटे उपर तो
प्रभु से आंख न मिला पाएंगे !!
- आवेश हिंदुस्तानी
(संपर्क सूत्र: व्हाटसऍप WhatsApp - +91 9765906498)
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