*दोष किसका ?

*दोष किसका?*
दोषी जनता भी है 
जो आइंइं पार्टी जैसे
छोटे अच्छे दलों को
थोड़े-से तन मन धन से भी समर्थन
देती ही नहीं है,
आइंइं पार्टी जैसे
छोटे अच्छे
दलों के
अच्छे कामों की
सुध तक
लेती ही नहीं है!
बड़ी बेशरमी से
मुख्यधाराई
प्रचार तंत्र
बिका पड़ा है,
आइंइं पार्टी जैसे
छोटे अच्छे दलों
और जनता के बीच
रोङा बन कर खड़ा है,
आइंइं पार्टी जैसे
छोटे अच्छे दलों के बारे में
जनता को पता
चलने ही नहीं देता है,
छोटी से छोटी
जनहित की बातें
छापने के लिए भी
रकम मोटी
बतौर रिश्वत लेता है!
देश के लिए आइंइं पार्टी
जैसे छोटे अच्छे दल
कुछ करना चाहें
तो करें भी कैसे,
बिन पानी के
जनतंत्री पनघट पे
पनिहारी नवेली
जनआशाई घङा खाली
भरें कैसे🙏?
- डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी

(टिप्पणीः आइंइं = ऑल इंडिया इंसानियत )
(Foto:Courtesy Ashok J Mangal, Twitter)

Comments

आपकी रचना ने मेरे विचार को आगे बढाते हुए जन मन को झक्झोर कर रख दिया है। आप इसके लिये बधाई के पात्र है ।
पवित्र गंगोत्री न हो तो ममतामयी मां गंगा का अस्तित्व हो ही नहीं सकता! अतएव, असली धन्यवाद के सही हकदार तो आवेश हिंदुस्तानी जी आप ही हैं! बहुत बहुत धन्यवाद!