स्वाभिमान और भारत -रत्न...!



Replying to and
"कभी कभी होता है प्रतीत
कि सत्ताधीशों के
सुर में सुर मिलाओगे
तो
भी पा जाओगे,
से जीओगे यदि
तो न्याय/रोटी को भी
की भॉँति
तरस जाआगे!"

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