Posts

शेखर गुप्ता जैसे जाने माने पत्रकारों और उनके 'इंडियन एक्सप्रेस' जैसे राष्ट्रीय अख़बारों ने जानबूझ कर डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को १९९१ की चाँदी ज़ब्ती प्रकरण में उन्हें उनकी शूरवीरता के लिए न्याय नहीं दिलवाया!