घर से
जब भी बाहर जायें
तो
घर में
विराजमान
अपने प्रभु से
जरूर
मिलकर जाएं
और
जब
लौट कर आएं
तो उनसे
जरूर मिलें
क्योंकि
उनको भी
आपके घर
लौटने का
इंतजार
रहता है...!
घर में यह
नियम बनाइए
कि जब भी
आप
घर से
बाहर निकलें
तो घर में
मंदिर के पास
दो पल
खड़े रह कर
कहें,
"प्रभु चलिए..
आपको
साथ में रहना है..."
ऐसा बोल कर
ही घर से निकलें
क्यूँकि आप
भले ही
"लाखों की घड़ी"
हाथ में
क्यूँ ना पहने हों
पर
"समय" तो
"प्रभु के ही
हाथ"
में
है न...!
(स्रोत: अज्ञात भक्त)
(चित्र: www.tanishq.co.in के सौजन्य से)
जब भी बाहर जायें
तो
घर में
विराजमान
अपने प्रभु से
जरूर
मिलकर जाएं
और
जब
लौट कर आएं
तो उनसे
जरूर मिलें
क्योंकि
उनको भी
आपके घर
लौटने का
इंतजार
रहता है...!
घर में यह
नियम बनाइए
कि जब भी
आप
घर से
बाहर निकलें
तो घर में
मंदिर के पास
दो पल
खड़े रह कर
कहें,
"प्रभु चलिए..
आपको
साथ में रहना है..."
ऐसा बोल कर
ही घर से निकलें
क्यूँकि आप
भले ही
"लाखों की घड़ी"
हाथ में
क्यूँ ना पहने हों
पर
"समय" तो
"प्रभु के ही
हाथ"
में
है न...!
(स्रोत: अज्ञात भक्त)
(चित्र: www.tanishq.co.in के सौजन्य से)
Comments