TRUE STORY OF ONE HUNDRED RUPEE RASHTRIY SVAYAM SEVAK SANGH COIN ( राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा 100 रुपए का सिक्का जारी करने की असली कहानी जानिए)

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में यह अलिखित नियम लागू करवाया था कि 75 वर्ष की आयु पार करने पर कोई भी भाजपा नेता किसी भी मंत्री पद पर नहीं रहेगा तथा भाजपा के मार्ग दर्शक मंडल में शामिल हो जायेगा। 

  • इस अलिखित नियम की आड़ में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरली मनोहर जोशी जैसे अपने प्रतिद्वंदियों को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखलवा दिया था । 
  • कुछ महीने पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक डॉ मोहन भागवत ने एक भाषण में एक दिवंगत बुद्धिजीवी को उद्धृत किया था। दिवंगत बुद्धिजीवी ने अपने स्वयं के जीवन के बारे में बताते हुए कहा था वह अपनी इच्छा से 75 वर्ष की आयु में सार्वजनिक जीवन से रिटएर हो गए थे। 
  • इस से मीडिया में ये अनुमान लगाया कि डॉ मोहन भागवत ने भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधान मंत्री पद से त्याग पत्र देने की अपरोक्ष सलाह दी है। 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो चुके हैं! 

  • परंतु, ७५ साल की उम्र में रिटायर होने की बात डॉ मोहन भागवत ने बाद में एक प्रेस वार्ता में  खारिज कर दी यह कह कर कि उन्होंने कभी भी  नरेंद्र मोदी को 75 वर्ष की आयु हो जाने पर रिटायर होने के लिए नहीं कहा।
  • साथ ही यह भी जोड़ दिया कि 75 वर्ष की आयु हो जाने पर स्वयं उनका भी सार्वजनिक जीवन छोड़ने का कतई भी इरादा नहीं है। 
  • मीडिया ने फ़िर से एक बार अनुमान लगाया कि सफाई पेश कर के डॉ मोहन भागवत ने अपनी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कुर्सी बचा ली है!
  • यदि वह अपने बयान की सफाई पेश न करते तो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी बयान देते कि डॉ मोहन भागवत ने भी अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के  सर संघ चालक के पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए क्योंकि उनकी (डॉ मोहन भागवत) उम्र भी 75 वर्ष की हो गई है। 

परंतु, मीडिया ने केवल अर्ध सत्य ही बताया है।शेष अर्ध सत्य नीचे दिया गया है:

  • 75 वर्ष की आयु सीमा लगवाने वाले नरेंद्र मोदीजी को डर स्ताने लगा कि भाजपा के गिर रहे आभा मंडल से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का काडर/शीर्षथ नेतृत्व नाराज हो जायेगा और उन्हें प्रधान मंत्री के पद से हटा देगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का काडर/शीर्षथ नेतृत्व ही भाजपा को ग्राउंड पर जीतवाता है। 
  • सो, संभवतः तीक्ष्ण बुद्धि चाणक्य अमित शाह ने तरकीब निकाली। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा! 
  • सो, संभवतः तीक्ष्ण बुद्धि चाणक्य अमित शाह ने ही भारत सरकार के द्वारा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के १०० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 100 रुपए का सिक्का जारी करवा दिया जिसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के झंडे और भारत माता के चित्र उकेरे गए हैं। 
  • 100 रुपए का सिक्का जारी होने से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का काडर और शीर्षथ नेतृत्व दोनों ही प्रसन्न हो गये। ये माना गया कि नरेंद्र मोदीजी ने उक्त सिक्का जारी कर के सेवक संघ के काडर और शीर्षथ नेतृत्व दोनों को ही यथोचित सम्मान दिया है। 

इस तरह से नरेंद्र मोदीजी ने अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश की है। 

- नेशनल डेस्क, आत्मीयता पत्रिका

- By National Desk, Aatmeeyataa Patrekaa

X - @teamaatmeeyataa

(Source: Aatmeeyataa Patrekaa inputs, Freely available pics on social media)


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