भगवान हमेशा आपके साथ होते हैं - (मर्मस्पर्शी कहानी) IMMORTAL TALES

एक भक्त था वह परमात्मा को बहुत मानता था!

बड़े प्रेम और भाव से उनकी पूजा और सेवा किया करता था!

एक दिन वह भगवान से कहने लगा,"मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई।

...मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दें, पर ऐसा कुछ कीजिये कि मुझे ये अनुभव हो कि आप हो।"

अदृश्य भगवान ने कहा,"ठीक है। तुम रोज सुबह समुद्र के किनारे सैर पर जाते हो। जब तुम रेत पर चलोगे तो तुम्हे दो पैरों की जगह चार पैर दिखाई देंगे। दो तुम्हारे पैर होंगे और दो पैरो के निशान मेरे होंगे।

इस तरह तुम्हें मेरी अनुभूति होगी।"

अगले दिन वह सैर पर गया। जब वह रेत पर चलने लगा तो उसे अपने पैरों के साथ-साथ दो पैर और भी दिखाई दिये। वह बड़ा खुश हुआ।

अब रोज ऐसा होने लगा।

एक बार उसे व्यापार में घाटा हुआ सब कुछ चला गया। वह रोड़ पर आ गया। उसके अपनों ने उसका साथ छोड़ दिया।

देखो। यही इस दुनिया की प्रॉब्लम है कि मुसीबत में सब साथ छोड़ देते हैं।

अब वह सैर पर गया तो उसे चार पैरों की जगह दो पैर दिखाई दिये।

उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बुरे वक़्त में भगवान ने भी साथ छोड़ दिया।

धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा। फिर सब लोग उसके पास वापस आने लगे।

एक दिन जब वह सैर पर गया तो उसने देखा कि चार पैर वापस दिखाई देने लगे!

उससे अब रहा नही गया। 

वह बोला,"भगवान जब मेरा बुरा वक्त था तो सब ने मेरा साथ छोड़ दिया था। पर मुझे इस बात का गम नहीं था क्योंकि इस दुनिया में ऐसा ही होता है!

पर आप ने भी उस समय मेरा साथ छोड़ दिया था। ऐसा क्यों किया?"

अदृश्य भगवान ने कहा,"तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारा साथ छोड़ दूँगा। तुम्हारे बुरे वक्त में जो रेत पर तुमने दो पैर के निशान देखे, वे तुम्हारे पैरों के नहीं मेरे पैरों के थे!"

मैं उस समय तुम्हें अपनी गोद में उठाकर चलता था और आज जब तुम्हारा बुरा वक्त खत्म हो गया तो मैंने तुम्हें नीचे उतार दिया है!

इसलिए तुम्हें फिर से चार पैर दिखाई दे रहे!" 

- कहानी का सारांश यह है कि भगवान हमेशा आपके साथ होते हैं। यदि आप भगवान में विश्वास रखते हैं तो हमेशा अपना विश्वास बनाये रखिए

So moral of the story is that never loose faith in God/Goddess. You believe in him/her, She/He shall look after you forever.


प्रस्तुतिकर्ति

सुजाता कुमारी, 

सर्वोपरि संपादिका, 

आत्मीयता पत्रिका

(स्रोत: सर्वाधिक प्रचारित लोकप्रिय भारतीय जनसाहित्य और इंटरनेट, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप्प, एक्स पर मुफ़्त में उपलब्ध छायाचित्र और सामग्री)


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