कांग्रेस शासन के खिलाफ भारत में 15 प्रमुख जन आंदोलन (1947-2014)


भारतीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी का शासन लंबे समय तक रहा है, और इस दौरान अनेक नीतियों और निर्णयों ने जनता के असंतोष को जन्म दिया। ये आंदोलन कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता की आवाज थे, जो समय-समय पर उभर कर आए। आइए, ऐसे 15 प्रमुख आंदोलनों पर नजर डालते हैं, जो 1947 से 2014 तक कांग्रेस के शासनकाल में हुए।


1. विभाजन दंगे (1947)

1947 में भारत की आजादी के साथ ही विभाजन हुआ, जिसने लाखों लोगों की जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी। कांग्रेस सरकार की विभाजन नीति के कारण उत्पन्न हुए इस हिंसा ने लोगों को आक्रोशित कर दिया। विभाजन के दौरान हुए दंगों में हजारों लोगों की जान गई और लाखों लोग बेघर हो गए।


2. गोविंद बल्लभ पंत विरोध (1956)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत द्वारा कृषि भूमि अधिग्रहण की नीति ने किसानों में असंतोष उत्पन्न किया। इस नीति के तहत किसानों की जमीनें छीन ली गईं, जिससे किसानों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए।


3. चीनी आक्रमण के बाद विरोध (1962)

1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में भारत की हार ने जनता को निराश किया। कांग्रेस सरकार की असफल विदेश नीति और सैनिक तैयारियों की कमी के कारण लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।


4. जयप्रकाश नारायण आंदोलन (1974-1975)

जयप्रकाश नारायण द्वारा 1974 में शुरू किया गया आंदोलन कांग्रेस सरकार की भ्रष्ट नीतियों और चुनावी धोखाधड़ी के खिलाफ था। इस आंदोलन ने इंदिरा गांधी की सरकार को बुरी तरह हिला दिया।


5. आपातकाल (1975-1977)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में घोषित आपातकाल ने देश में नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया। सरकार की इस दमनकारी नीति के खिलाफ लोगों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए।


6. बिहार आंदोलन (1974)

बिहार के छात्रों और युवाओं ने भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन किया। यह आंदोलन भी कांग्रेस सरकार की असफल नीतियों के खिलाफ था, जिसने बिहार में व्यापक पैमाने पर असंतोष पैदा किया।


7. पंजाब आंदोलन (1980)

पंजाब में अकाली दल और अन्य सिख संगठनों ने कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया। पंजाब में असंतोष और हिंसा की लहर दौड़ गई, जिसने सरकार की नीतियों को चुनौती दी।


8. असम आंदोलन (1979-1985)

असम में अवैध प्रवासियों के खिलाफ आंदोलन हुआ, जिसमें कांग्रेस सरकार की नीति को दोषी ठहराया गया। इस आंदोलन के दौरान कई लोगों की जान गई और राज्य में व्यापक हिंसा हुई।


9. भोपाल गैस त्रासदी (1984)

भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग प्रभावित हुए। कांग्रेस सरकार की लापरवाही और कंपनी पर नियंत्रण की कमी के कारण लोगों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए।


10. रामजन्मभूमि आंदोलन (1980-1992)

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद ने देश भर में धार्मिक तनाव बढ़ा दिया। कांग्रेस सरकार की इस विवाद को संभालने में विफलता के कारण लोगों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए।


11. बोफोर्स घोटाला (1987)

बोफोर्स घोटाला एक बड़ा राजनीतिक घोटाला था, जिसमें कांग्रेस सरकार के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। इस घोटाले ने सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता पैदा की।


12. मंडल आयोग विरोध (1990)

मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की घोषणा के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। कांग्रेस सरकार की इस नीति ने देश को जातिगत आधार पर विभाजित कर दिया।


13. शाह बानो मामला (1985)

शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकार संरक्षण) अधिनियम पारित किया गया। इस फैसले ने देश में महिलाओं के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी और विरोध प्रदर्शन हुए।


14. एनरॉन परियोजना विरोध (1996)

महाराष्ट्र में एनरॉन बिजली परियोजना के खिलाफ किसानों और पर्यावरणवादियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए। कांग्रेस सरकार की इस परियोजना को लेकर लोगों में असंतोष था।


15. अन्ना हजारे आंदोलन (2011-2012)

अन्ना हजारे द्वारा 2011 में शुरू किया गया जनलोकपाल आंदोलन कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ था। इस आंदोलन ने सरकार को लोकपाल बिल पारित करने के लिए मजबूर किया।


निष्कर्ष

भारत के इतिहास में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुए जन आंदोलनों का यह विस्तृत वर्णन दर्शाता है कि जनता की आवाज और असंतोष कितनी शक्तिशाली हो सकती है। इन आंदोलनों ने न केवल सरकार की नीतियों को चुनौती दी, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती को भी प्रमाणित किया। भविष्य में, हमें यह याद रखना चाहिए कि जनता की आवाज को सुनना और उनका सम्मान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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