राष्ट्रद्रोही और राष्ट्रप्रेमी की परिभाषा क्या हो? राष्ट्रद्रोह और राष्ट्रप्रेम की परिभाषा क्या हो?

राष्ट्रद्रोही और राष्ट्रप्रेमी की परिभाषा क्या हो? राष्ट्रद्रोह और राष्ट्रप्रेम की परिभाषा क्या हो?

यदि हिंदुस्तानी सविंधान में विचारों की अभिव्यक्ति के संबंध में दिए गए कानून को लागू किया जाए तो हिंदुस्तान के अधिकांश नेता, नेत्रियाँ, पत्रकार , समाचारपत्र और दूरदर्शन समाचार वाहिनियाँ [ टीवी न्यूज़ चैनल्स ] राष्ट्रद्रोही सिद्ध होंगे !
परंतु व्यवहारिक दृष्टिकोण से यह ठीक नहीं है !
हिंदुस्तान में प्रत्येक हिंदुस्तानी को अपने विचार व्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता है ! 
व्यवहारिक दृष्टिकोण से उसी व्यक्ति को राष्ट्रद्रोही कहना उचित है जो व्यक्ति उसी थाली में छेद करता है जिस थाली में वह व्यक्ति भोजन करता है !
जब तक वह व्यक्ति अपनी भोजन की थाली के बारे में मात्र अप्रिय विचार ही प्रकट करता है न कि थाली में छेद करता है तब तक उस व्यक्ति को हम राष्ट्रद्रोही नहीं कह सकते हैं !
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के 'तथाकथित राष्ट्रद्रोही' उमर ख़ालिद और अन्य विद्यार्थियों पर थाली का सिद्धांत लागू कर उन विद्यार्थियों के राष्ट्रद्रोही या राष्ट्रप्रेमी होने का निर्णय करना चाहिए !


- स्वामी मूर्खानन्द जी

[फ़ोटो: गूगल के सौजन्य से] 

[टिप्पणी: इस लेख में व्यक्त विचार स्तंभकार स्वामी मूर्खानन्द जी के अपने स्वयं के व्यक्तिगत विचार हैं। इन विचारों से ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का सहमत होना कोई अनिवार्य नहीं है। इस संबंध में न्यायिक विवादों के निपटारे हेतु दिल्ली उच्च न्यायालय ही एक मात्र विकल्प है।]


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