ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के 61 - नोएडा विधान सभा के उमीदवार यशपाल मौर्य से 61 - नोएडा के मुख्य पीठासीन निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय परिसर में कुछ अज्ञात अनधिकृत (unauthorised) व्यक्तियों ने जबरदस्ती व्यक्तिगत जानकारी ली!

ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी ज़ोरदार माँग करती है कि विधान सभा चुनाव के उमीदवारों से मुख्य पीठासीन निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय परिसर में गैर क़ानूनी अनधिकृत (unauthorised) व्यक्तियों द्वारा जबरदस्ती व्यक्तिगत जानकारी न माँगी जाए।
कल २४ जनवरी को ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के 61 - नोएडा विधान सभा के उमीदवार यशपाल मौर्य और अन्य दूसरे उमीदवारों से 61 - नोएडा के मुख्य पीठासीन निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से बाहर स्थित (located) निर्वाचन कार्यालय परिसर में कुछ अज्ञात अनधिकृत (unauthorised) व्यक्तियों ने जबरदस्ती व्यक्तिगत जानकारी ली, जैसे - उमीदवार का नाम , जाति , शिक्षण , फ़ोन नंबर , घर/निवास स्थान का पता (address), क्रिमिनल था या नहीं , आदि आदि... । ये अज्ञात अनधिकृत (unauthorised) व्यक्ति स्वयं को गुप्तचर विभाग (intelligence wing of law enforcement agencies) के अधिकारी बता रहे थे।
गौर करने वाली ख़ास बात यह है कि नोएडा के मुख्य पीठासीन निर्वाचन  अधिकारियों के कार्यालय से बाहर स्थित (located) निर्वाचन कार्यालय परिसर में केवल विधान सभा के उमीदवार, उसके प्रस्तावकों/समर्थकों को ही जाने की इजाजत (permission) थी।  और वह भी पुलिस द्वारा कड़ी जाँच के बाद। सबसे बड़ी बात यह है कि विधान सभा के उमीदवार द्वारा मुख्य पीठासीन निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत (submit) किए जाने वाले नामांकन पत्र (form) में उमीदवार की सम्पूर्ण वैयक्तिक (personal) जानकारी रहती ही है। इसलिए गुप्तचर विभाग (intelligence wing of law enforcement agencies) के अधिकृत अधिकारी उमीदवार की सम्पूर्ण वैयक्तिक (personal) जानकारी भारतीय निर्वाचन आयोग से प्राप्त कर सकते हैं।
अतः प्रश्न उठता है कि स्वयं को गुप्तचर विभाग (intelligence wing of law enforcement agencies) के अधिकारी बता कर 61 - नोएडा विधान सभा के उमीदवार यशपाल मौर्य और अन्य दूसरे उमीदवारों से 61 - नोएडा के मुख्य पीठासीन निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से बाहर स्थित (located) निर्वाचन कार्यालय परिसर में अनधिकृत (unauthorised) जबरदस्ती व्यक्तिगत जानकारी लेने वाले  ये अज्ञात अनधिकृत (unauthorised) व्यक्ति कौन हैं ? कहीं ऐसा तो नहीं है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की राज्य सरकार /पार्टी ही जबरदस्ती उक्त व्यक्तिगत जानकारी अनधिकृत (unauthorised) ढंग से एकत्रित (collect) करवा रही है ताकि राजनैतिक प्रतिदंद्वियों पर गुप्त नज़र रखी जा सके और राजनैतिक प्रतिदंद्वियों के फ़ोन टेप किये जा सकें... ?

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