क्यों 🤷‍♀️राष्ट्रपति अुब्दुल कलाम जी को भी केळंगा की पवित्र भूमि को नमन🙏 करना पड़ा था?


हे केळंगा ग्राम की प्यारी बहनों , बेटियों और भाइयों

सादर प्यार 💑 भरी नमस्ते 🙏 !

क्या आपको पता है कि साल 2006 - 2007 में, (हरियाणा के गाँव केळंगा के अमरू पाना के जांबाज और 1971 के भारत-पाक युद्ध के परम शूरवीर योद्धा कैप्टन हरि सिंह परमार के, अपने प्राण की बाजी लगा कर सन 1991 ईस्वी में अति विषम परिस्थितियों में भारत के एक निर्जन पश्चिमी तट पर रात में अकेले ही 20-25 तस्करों को ललकार ढाई करोड़ रुपयों की चॉंदी पकडने वाले विख्यात कस्टमस ऑफिसर परम शूरवीर बेटे), भाई शेरसिंह परमार के नाम की चर्चा भावी राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चल रही थी?

उस समय भारतीय जनता पार्टी ने भाई शेरसिंह परमार को चुप कराने व भाई शेरसिंह परमार को समर्थन देने वाले विधायकों/सांसदों का समर्थन राष्ट्रपति-चुनाव में पाने हेतु ही भैंरो सिंह शेखावत और  राष्ट्रपति कलाम जी को पंडित नेकीराम की किताब दिखा कर आपके गांव कलिंगा भेजा था ।

उस समय भाजपा  से जुङे कुछ राजपूतों ने भाई शेरसिंह परमार से राष्ट्रपति के चुनाव में उतरने की इच्छा का कारण पूछा था। भाई शेरसिंह परमार ने उन्हें बताया था – ‘मेरे राजपूत-बहुल गांव कलिंगा की गलियों की हालत खराब है, जोहङों की हालत खराब है, राजपूतों का इतना बङा गांव हो के भी इस गांव की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है - मेरे राष्ट्रपति के चुनाव का परचा भरने से अखबार टिवी वाले भी मजबूर हो कर इस गांव कलिंगा की समस्याओं के बारे में खबर दिखाएंगे और इससे सरकार को मजबूर हो कर इस गांव कलिंगा का विकास करना पङेगा।‘

तब भारतीय जनता पार्टी में बैठे ब्राह्मण जाति के कुछ शातिर नेताओं  ने दिमाग लङाया और भैंरो सिंह शेखावत तथा राष्ट्रपति कलाम साहब को केळंगा भेजा और इसी चक्कर में कलिंगा के विकास के लिए 30-40 करोङ रूपयों के ग्रांट की घोषणा भी की गई। पर हैरानी की बात है कि भारतीय जनता पार्टी में बैठे ब्राह्मण जाति के कुछ शातिर नेताओं  ने भाई शेरसिंह परमार के राष्ट्रपति के चुनाव में उतरने की इच्छा की बात जनता से छिपा ली और भाई शेरसिंह परमार को निमंत्रण भी नहीं दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि भाई शेरसिंह परमार के बारे में जनता को कुछ भी पता न चले, भाई शेरसिंह परमार को कुछ भी श्रेय न मिले और राजपूतों को गुमराह किया जा सके।

भारतीय जनता पार्टी में बैठे ब्राह्मण जाति के कुछ शातिर नेताओं की इस गंदी राजनीति से तंग हो कर आपके भाई शेरसिंह परमार ने भैंरो सिंह शेखावत को समर्थन नहीं दिया । परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस की प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति का चुनाव जीत गईं। जब भाई शेरसिंह परमार ने भैंरो सिंह शेखावत को समर्थन नहीं दिया तो एक बार तो सरकार से गरांट की रकम आना बंद 😽 हो गई थी ।

भारतीय जनता पार्टी और संघ में बैठे ब्राह्मण जाति के ये कुछ शातिर नेता इतने धूर्त हैं कि राजपूतों तथा अन्य भोले भाले ग्रामीणों को बेवकूफ बनाने के लिये (यहाँ दी गई अखबार की फोटो कॉपी देखिए ) और यह भरम पैदा करने के लिये कि कलिंगा में ब्राह्मण जाति और संघ की ही चलती है , भारतीय जनता पार्टी में बैठे ब्राह्मण जाति के इन शातिर नेताओं ने एक स्थानीय हरियाणवी अखबार में यह खबर छपवा दी कि कैप्टन नसीब सिंह संघ से जुडे थे और कि पंडित नेकीराम कलिंगा से थे। परंतु , यह सच बात नहीं छपवाई कि केळंगा में सक्रिय ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के बनाए राजनीतिक दबाव के कारण ही मोदी की सरकार ने मजबूर हो कर रोहतक और भिवानी की सड़क 🛣 का चौड़ाकरन किया है ,आदि आदि .....!

आज, बस 🚐 इतना ही ...!

सप्रेम आपका अपना

स्वामी मूर्खानंद

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