राष्ट्रपति चुनाव हेतु लगभग ५०% वोट अपने पास होते हुए भी भाजपा
के श्री राजनाथ सिहॅं और वैंकैया नायडू श्रीमती सोनिया गॉंधी जी से इसलिए भेंट करना
चाहते हैं ताकि वे कांग्रेस पार्टी व विपक्ष को गुमराह कर सकें जिससे कांग्रेस पार्टी बेवकूफ बन कर
स्वामी अप्रतिमानंदा जी की शरतें न माने और उन्हें 2017 का विपक्ष का राष्ट्रपति पद हेतु उम्मीदवार न बनाएं। यह बात पूरी सच है कि इन शर्तों को मानने से कांग्रेस पार्टी और समूचे विपक्ष को अविश्वसनीय रूप में बहुत अधिक राजनैतिक लाभ मिलेगा।
भाजपा के पसीने छूटे हुए हैं कि कहीं moderate छवि वाले स्वामी अप्रतिमानंदा जी को यदि विपक्ष ने अप्रतिम राजनैतिक सूझबूझ दिखाते हुए राष्ट्रपति उम्मीदवार बना दिया तो भाजपा का उम्मीदवार कभी भी राष्ट्रपति नहीं बन पायेगा क्योंकि स्वामी अप्रतिमानंदा जी को भाजपा के करीब ३०% सांसद और विधायक अपने वोट देंगे तथा भाजपा के सहयोगी दलों के करीब ८०% सदस्य भी अपने वोट देंगे। कुल मिलाकर , भाजपा में स्वामी अप्रतिमानंदा जी के नाम से अंदर ही अंदर हड़कंप मचा हुआ है।
अब देखना यह है कि सोनिया गाँधी जी की कांग्रेस और बिजू दल , तृणमूल कांग्रेस , जनता दल , शिव सेना , NCP, आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दल कितनी राजनैतिक चतुराई दिखाते हैं....!
अब देखना यह है कि सोनिया गाँधी जी की कांग्रेस और बिजू दल , तृणमूल कांग्रेस , जनता दल , शिव सेना , NCP, आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दल कितनी राजनैतिक चतुराई दिखाते हैं....!
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