एक सौदागर को बाज़ार में घूमते हुए एक उम्दा नस्ल का ऊंट दिखाई पड़ा!
सौदागर और ऊंट बेचने वाले के बीच काफी लंबी सौदेबाजी हुई और आखिर में सौदागर ऊंट खरीद कर घर ले आया!
घर पहुंचने पर सौदागर ने अपने नौकर को ऊंट का कजावा ( काठी) निकालने के लिए बुलाया..!
कजावे के नीचे नौकर को एक छोटी सी मखमल की थैली मिली जिसे खोलने पर उसे कीमती हीरे जवाहरात भरे होने का पता चला..!
नौकर चिल्लाया,"मालिक आपने ऊंट खरीदा। लेकिन देखो! इसके साथ क्या मुफ्त में आया है!"
सौदागर भी हैरान था!
उसने अपने नौकर के हाथों में हीरे देखे जो चमचमा रहे थे और सूरज की रोशनी में और भी टिम टिमा रहे थे!
सौदागर बोला, " मैंने ऊंट ख़रीदा है, न कि हीरे! मुझे उसे फौरन वापस करना चाहिए!"
नौकर मन में सोच रहा था कि मेरा मालिक कितना बेवकूफ है...!
बोला, "मालिक किसी को पता नहीं चलेगा!"
पर, सौदागर ने एक न सुनी और वह फौरन बाज़ार पहुंचा और दुकानदार को मख़मली थैली वापिस दे दी!
ऊंट बेचने वाला बहुत ख़ुश था!
बोला, "मैं भूल ही गया था कि अपने कीमती पत्थर मैंने कजावे के नीचे छुपा के रख दिए थे!
अब आप इनाम के तौर पर कोई भी एक हीरा चुन लीजिए!"
सौदागर बोला, "मैंने ऊंट के लिए सही कीमत चुकाई है! इसलिए मुझे किसी शुक्राने और ईनाम की जरूरत नहीं है!"
जितना सौदागर मना करता जा रहा था, ऊंट बेचने वाला उतना ही ज़ोर दे रहा था!
आख़िर में सौदागर ने मुस्कुराते हुए कहा, "असलियत में जब मैंने थैली वापस लाने का फैसला किया तो मैंने पहले से ही दो सबसे कीमती हीरे इसमें से अपने पास रख लिए थे!"
इस कबूलनामें के बाद ऊंट बेचने वाला भड़क गया!
उसने अपने हीरे जवाहरात गिनने के लिए थैली को फ़ौरन खाली कर लिया!
पर, वह था बड़ी पशोपेश में!
बोला,"मेरे सारे हीरे तो यही है तो सबसे कीमती दो कौन से थे जो आपने रख़ लिए?"
सौदागर बोला, " मेरी ईमानदारी और मेरी खुद्दारी!"
जिन जिन के पास यह दो हीरे हैं, वे सब दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
प्रस्तुतिकर्ति:
सुजाता कुमारी,
सर्वोपरि संपादिका,
आत्मीयता पत्रिका ( X - @sujatakumarika )
(स्रोत: सर्वाधिक प्रचारित लोकप्रिय भारतीय जनसाहित्य और इंटरनेट, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप्प, और एक्स पर मुफ़्त में उपलब्ध छायाचित्र, चलचित्रिका और सामग्री)
Comments