सेहत है तो
जिंदगी है,
जिंदगी है तो
आनंद है।
आनंद है तो
मुक्ति है,
मुक्ति है तो
परमानंद है...!
इसलिए सखी री
नशे में धन
दौलत के न छोड़
वैभव के तीर,
खुदा ने दिया
जो तुझे
समझ उसे ही
अपनी तकदीर...!
न होगी तकलीफ
समझ ले गर तू
जिंदगी का
यह इल्म,
सखी री
सेहतमंद वही
रहे स्वस्थ हमेशा
जिसका जिस्म...!
बजाएं चलो
मिल कर आज
हम शहनाई,
अंतर्राष्ट्रीय योग
दिवस पर सखी
तुम्हें बधाई...!
- शरदेंदू शुक्ल 'शरद' पुणेकर
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