जानिए कि क्यों आइरमेकटिन दवाई के साथ-साथ डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी का सुझाया आयुर्वेदिक काढा भी सुबह-शाम 5 दिन तक एक कप पीना जरूरी है
कोविड बीमारी होने के बाद तीन दिन रोजाना रात को भोजन से आधा घंटे पहले या भोजन के दो घंटे बाद Ivermectin दवाई की 12mg की एक टेबलेट (टिकिया) एक गलास पानी के साथ निगलना जरूरी है क्योंकि यह टिकिया 24 से 48 घंटे में कोरोना19 वायरस को शरीर में पैदा होने से रोक देती है।
परंतु, इसके साथ साथ डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी का सुझाया आयुर्वेदिक काढा भी सुबह-शाम 5 दिन तक एक कप पीना जरूरी है।
हिंदुस्तानी डाॅक्टर स्वामी अप्रतिमानंदा जी के पिछले साल 5 जुलाई, 2020 में इंटरनेट पर प्रकाशित रिसर्च पेपर के मुताबिक कोविड-19 बीमारी उनके सुझाए आयुर्वेदिक काढे को लगातार हर 8 घंटे के बाद लेने से ठीक हो जाती है.
काढा इस प्रकार है: "तुलसी की 4 पत्तियाँ, नीम की 2 पत्तियाँ, एक लौंग, एक ईलायची, एक काली मिर्च का दाना लें। इसमें एक चुटकी हल्दी का पाउडर मिलाएं।" इनका काढा बना कर पिएं।
यहां "ईलायची" का मतलब है "बड़ी काली ईलायची"।
काढा इस प्रकार बनाया जाता है:
(1) पहले लौंग, ईलायची, काली मिर्च को कूट कर हल्दी के संग दो कप पानी में उबालें। आधा कप पानी रह जाने पर इसे चूल्हे/स्टोव से उतार लें।
(2) उसके बाद तुलसी और नीम की पत्तियों को दो कप पानी में उबालें। आधा कप पानी रह जाने पर इसे चूल्हे/स्टोव से उतार लें।
इन छह चीज़ों को अलग अलग उबालने का कारण यह है कि इन छहों को एक साथ उबालने पर बनने वाला काढा शरीर में जरूरत से ज्यादा गर्मी उत्पन्न कर देता है।
इसके बाद इन (1) और (2) को आपस में मिला लें। इस गुनगुने एक कप पानी को धीरे धीरे और चुस्की लेते हुए पिएं।
तुलसी और नीम की पत्तियाँ लगभग आठ सेंटीमीटर लंबी होनी चाहिएं। अगर तुलसी की पत्ती दो सेंटीमीटर लंबी है तो आपको चार नहीं, बल्कि 16 पत्तियां तुलसी की लेनी होंगीं।
यदि आपको बवासीर के कारण खून गिरता है तो काढे की मात्रा (quantity) कम भी कर सकते हैं। एक कप की जगह केवल आधा कप ही काढा लें। उचित यही होगा कि बवासीर के मरीज अपने वैद्य या डाॅक्टर की सलाह से ही काढा और अन्य दवाइयां लें।
काढा इसलिए भी जरूरी है कि अभी तक कोई 100% ठोस वैज्ञानिक अध्ययन सामने नहीं आया है आइरमेकटिन की कोविड के वायरस को मारने की क्षमता के बारे में। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने इसकी उपयोगिता पर संदेह जताया है तो वहीं अमेरीका की FDA ( Food And Drugs Administration) संस्था ने आइरमेकटिन के कोविड के ईलाज के इस्तेमाल पर रोक लगाई हुई है।
कुछ शोधों में पाया गया कि आइरमेकटिन खाने वाले कोविड मरीजों मे कोई सुधार नहीं हुआ जबकि कुछ अन्य शोधों में इसका सकारात्मक असर देखने को मिला। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि कुछ कोविड मरीजों को आइरमेकटिन ठीक कर देती है तो कुछ कोविड मरीजों को इससे फायदा नहीं होता।
लेकिन, डाॅक्टर स्वामी अप्रतिमानंदा जी का सुझाया काढा शत प्रतिशत फायदा ही करता है।
कोविड एक महामारी है। डाॅक्टर स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने कहा," प्रामाणिक आयुर्वेदिक ग्रंथों में स्पष्ट रूप से लिखा है कि महामारी (Pandemic) के समय सुबह-शाम तुलसी और नीम का रस पिएं।"
यहां यह जानना बेहद दिलचस्प होगा कि तुलसी में जिंक (Zinc) होता है। वैज्ञानिक अनुसंधानों और अध्ययनों में पाया गया है कि कोरोना वायरस को जिंक सफलतापूर्वक नष्ट कर देता है।
वैज्ञानिक अनुसंधानों और अध्ययनों में पाया गया है कि आइरमेकटिन (ivermectin) का कुदरत में प्राकृतिक विकल्प (natural substitute) नीम plant में पाया जाने वाला तत्व (extract) Azadirachta indica A. Juss है। यानी जब आप उपरोक्त बताया आयुर्वेदिक काढा लेते हैं तो आप वे लगभग सारे तत्व ले लेते हैं जो कि कोविड के वायरस को मारते हैं!
- कोरोनाकाल में मनुष्यों के हितार्थ विशेष रपट
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