कहाँ खो गया वह जो है जुबां का पक्का?



कहाँ खो गया है उम्मीदवार वह जुबां का पक्का,


कहाँ सो गया है अखबारनवीस वह जुबां का पक्का! क्यों बिक गए हैं टीवी प्रेस अखबार, क्यों जा रहे हैं ठगे मतदाता हर बार?
चुनोगे गर उम्मीदवार जो नहीं है , प्रचार गर करोगे नहीं उसका जो है ,
तो प्यारे टीवी/मीडिया वालों बहुत पछताओगे,
बाद चुनाव 2019 के लब अपने हिला तक न पाओगे
😉!
- स्वामी मूर्खानंद

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