प्रचार तंत्र (टेलीविज़न चैनल , अखबार व दूसरे प्रचार माध्यम) अपनी इस दूरगामी भयंकर गलती को तुरंत सुधार लें...!
स्वस्थ समाज और लोकतंत्र में
प्रचार तंत्र और प्रतिपक्षी दलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सत्ता पक्ष की
कमियों को उजागर कर उन्हें ठीक करवाना प्रतिपक्षी दल का कर्तव्य होता है। प्रचार
तंत्र का कर्तव्य होता है कि वह संतुलित समाचार जनता को दे। अर्थात, प्रतिपक्षी दलों
के अचछे कामों के बारे में भी जनता को बताये। परंतु, दुर्भाग्य है कि आज टेलीविज़न चैनल,
अखबार व दूसरे प्रचार माध्यम पैसे ले कर खबरें प्रकाशित करते हैं। जब गीदङ
को सवा-गीदङ मिल जाता है तो गीदङ शिकायत करता है कि उसे सवा-गीदङ सता रहा
है। हाल ही में सोशल मीडिया में पत्रकार शिकायत करते
नजर आए कि सत्ताधरी मोदी भाजपा की सरकार प्रचार तंत्रों को सता रही है। पर, दूध 🥛 का धुला तो प्रचार
तंत्र भी नहीं ⛔ है। उदाहरण के लिए, ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी 🎉 की बात
करें। इसने पिछले पाँच साल में जनहित देशहित में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, परंतु प्रचार
तंत्र यानी टेलीविज़न चैनल, अखबार व दूसरे
प्रचार माध्यम वालों ने इसके इन अप्रतिम कामों के बारे में एक वाक्य तक ना ही
लिखा, ना ही बोला और ना ही इसके बारे में खबरों को दिखाया। प्रचार तंत्र की इस
हरकत से आम मतदाताओं का नुकसान हुआ है। अगर
वोटरों को ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के अप्रतिम कामों के बारे में पता नहीं चलेगा
तो कोई 🙅♀️ कैसे और क्यों ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को वोट
देगा या इसका हिस्सा बनेगा? प्रचार तंत्र (टेलीविज़न चैनल , अखबार व दूसरे प्रचार माध्यम) अपनी इस दूरगामी भयंकर गलती को तुरंत
सुधार लें तो प्रचार तंत्र और भारत – दोनों इन का ही भला हो जाएगा!
-स्वामी मूर्खानंद
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