राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के श्री मोहन भागवत जैसे पदाधिकारी हो गए हैं बेनकाब...!

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के श्री मोहन भागवत जैसे पदाधिकारी किसी भी काम के नहीं है!
वर्ष 2015-2016 में डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के श्री मोहन भागवत को पत्र लिख कर उनसे निवेदन किया था कि वह उन्हें 1991 के सावनी आंजरले चाँदी प्रकरण में नरेंद्र मोदी की सरकार से न्याय दिलवाएँ! 

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के श्री मोहन भागवत ने जानते हो क्या किया?
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के श्री मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को नागपुर कई बिंदुओं पर बातचीत के बहाने बुलाया!
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के बारे में कुछ भी सही सही  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के श्री मोहन भागवत को नहीं बताया होगा क्योंकि आज शिवराज जी एक बहुत बङे नेता जो हो गए हैं!
स्मरण रहे कि वर्ष 1998 में यही वर्तमान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान तत्कालीन राजपूत सांसद और जशपुर छत्तीसगढ़ राजघराने के वारिस श्री दीलिप सिंह जूदेव जी के आदेश पर तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के पास सावनी आंजरले चाँदी प्रकरण से संबंधित सारे कागजात ले डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को साथ ले कर गए थे और तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा से विनती की थी कि 1991 के सावनी आंजरले चाँद प्रकरण में डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को उनकी अप्रतिम शूरवीरता और देशभक्ति के लिए पूरा न्याय, अशोक चक्र और 25 लाख रूपये ईनाम में दिए जाएँ!
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के श्री मोहन भागवत ने डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को न्याय नहीं दिलवाया! राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के अंधे भक्तों की इस लेख को पङ कर आँखें खुल जानी चाहिए!
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी अब साधु-संतों और राजपूत समाज का अपने राजनैतिक स्वार्थ हेतु उपयोग करने में निपुण हो गए हैं!
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी को कौन नियंत्रित करता है? 
महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण और बनिया जाति के चंद मुट्ठी भर लोग ही  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी को नियंत्रित करते हैं!
कशमीर को अपवाद के रूप में छोङ कर, क्या कभी आपने तथाकथित हिंदू-मुस्लिम दंगों में किसी तथाकथित हिंदू धर्म के ब्राह्मण और बनिया जाति के लोगों को कटते-मरते देखा है? शायद नहीं!
तथाकथित हिंदू-मुस्लिम दंगों में मरने वाले अधिकतर राजपूत, जाट और दलित समाज के लोग ही होते हैं!
डाॅ प्रवीण तोगङिया ने हाल ही में अपने स्वयं के एनकाउंटर होने के भय की बात बता कर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गंदे और घिनौने चेहरे को बेनकाब कर दिया है !
यह सही बात है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कई सामाजिक क्षेत्रों में अप्रतिम सराहनीय कार्य कर रहा है!
परंतु, जैसा कि इस संक्षिप्त लेख से पता चलता है -  सामाजिक क्षेत्रों में अप्रतिम सराहनीय कार्य करने का अर्थ यह नहीं है कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गंदे और घिनौने चेहरे को बेनकाब न किया जाए!
भारतीय राष्ट्रीय हित में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गंदे और घिनौने घिनौने चेहरे को बेनकाब करना सभी सच्चे देशभक्तों के परम कर्तव्य है ताकि सही पथ से भटक गए  भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को सही पथ पर आने के लिए प्रेरित किया जा सके...!
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शीर्षस्थ नेतृत्व भूल रहा है कि मनुष्य इस क्षणभंगुर जीवन में खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही जाता है।अपने जीवन में की गई नेकियाँ अच्छाइयाँ ही मात्र  अंतकाल में जीव के साथ इस नशवर जगत से परलोक में जाती हैं!

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