डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी नहीं डरा पाए ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को - भाजपा की गुंडागिरि के आगे इंसानियत पार्टी ने नहीं टेके घुटने (EVEN DEPUTY CHIEF MINISTER KESHAV PRASAD MAURYA COULD NOT INTIMIDATE ALL INDIA INSAANEYAT PARTY - INSAANEYAT PARTY DID NOT KNEEL DOWN BEFORE BJP'S GOONS)
केशव प्रसाद मौर्य भी नहीं डरा पाए ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को - भाजपा की गुंडागिरि के आगे इंसानियत पार्टी ने नहीं टेके घुटने
आपको यह जान कर हैरानी और परेशानी होगी कि 2017 में उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के दौरान भाजपा के आकाओं ने इंसानियत पार्टी को डराने धमकाने की अजीब जिम्मेदारी वर्तमान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सौंपी थी।
भाजपा के पॉलिटिकल मैनेजर नहीं चाहते थे कि ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव लड़े क्योंकि अगर ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी चुनाव लड़ती तो उस समय की विशेष परिस्थिति के चलते और समाजवादी पार्टी से नाराज हिंदुओं और सनातनियों समेत सभी तबकों के लोगों के वोट इंसानियत पार्टी के कर्मठ ईमानदार नेतृत्व के कारण, ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को ही मिलते। तब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार ना बन पाती।
2017 में केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी की सरकार थी। अब आप समझ गए होंगे कि किन भाजपा के नेताओं ने केशव प्रसाद मौर्य को ये जिम्मा सौंपा होगा। भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले गुजरात के तड़ीपार गुंडे लफंगे अमित शाह और उसके गुर्गों के अलावा ओर कौन?
पर केशव प्रसाद मौर्य को ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी की असीम शक्ति और सामर्थ्य की जानकारी थी। इसलिए उसने ये कह कर भाजपा के शिरस्थ नेताओं को मना कर दिया कि ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी बहुत शोर मचाने वाली पार्टी है।
अगर इसे गलती से भी छू दिया तो मीडिया में ये इतना हो हल्ला मचायेगी कि पूरी दुनिया की मीडिया भाजपा को राक्षस बना कर पेश करेगी। जिसका परिणाम ये होगा कि पूरे भारत में भाजपा बदनाम हो जायेगी और भाजपा का राजनीतिक सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जायेगा।
केशव प्रसाद मौर्य के पीछे हटने के बाद भी भाजपा के शिरस्थ गुंडे नेता चुप नहीं बैठे।
उन्होंने सरकारी एजेंसियों की तकनीकी क्षमता का दुरुपयोग करते हुए बहुत बार ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के ट्विटेर अकाउंट, ईमेल को हैक करवा कर उसे लॉक करवा दिया। हर बार बड़ी मुश्किल से ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी अपने ट्विटेर अकाउंट और ईमेल को फ़िर से रिकवर करती थी, खोलती थी।
यही नहीं, उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के डेजीगनेटिड बैंक अकाउंट को ही फ्रिज़ करवा दिया 2017 में उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के दौरान।
जब भी कोई शुभचिंतक ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को इंटरनेट बैंकिंग के जरिये अपनी सहयोग धन राशि भेजने की कोशिश करता था उसे ये संदेश मिलता था – “ये अकाउंट बंद है, इसमें आप पैसा नहीं भेज सकते.”
नतीजा ये निकला कि ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को कहीं से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई। और पार्टी दो से ज्यादा प्रत्याशियों को खड़ा करने की आर्थिक क्षमता नहीं जुटा पाई।
ये पाबंदी तभी ही हटी जब उत्तर प्रदेश में 2017 के विधान सभा चुनाव समाप्त हो गए और भाजपा की प्रदेश में सरकार बन गई।
इतना ही नहीं। हद तो ये हो गई है कि उत्तर प्रदेश के 2017 के विधान सभा चुनाव समाप्त होने के बाद भी भाजपा के नाना षड्यंत्र थमे नहीं हैं।
इनमें सबसे खतरनाक है सरकारी लॉ इंफोर्समेंट और गुप्तचर एजेंसियों की तकनीकी क्षमता का दुरुपयोग करते हुए ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी और इस से जुड़े लोगों को ट्रैप करके झूठे मामलों में फंसाने की कुचेष्टा करना।
मसलन जब भी देश में कहीं कोई बड़ा कांड होता है तो उस जगह से दनादन फोन कॉल्स ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी और इस से जुड़े लोगों के फोनों पर आना शुरू हो जाते हैं, प्रायः फोन करने वाले की लोकेशन को भी दिखाते हुए।
जैसे कि अपने प्रेमी से शादी करने के लिए गैर कानूनी ढंग से भारत में दाखिल हुई पाकिस्तानी लड़की इकरा को बंगलौर में जब पुलिस ने पकड़ा तो उसके 2-3 दिन पहले से ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी और इस से जुड़े लोगों के फोनों पर फोन कॉल्स आना शुरू हो गए बंगलौर की लोकेशन के साथ।
इसी तरह जब इंदौर में एक ईसाई धर्मगुरु को आर्थिक घपले के मामले में पुलिस ने दबोचा तो उसके 2-3 दिन पहले से ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी और इस से जुड़े लोगों के फोनों पर फोन कॉल्स आना शुरू हो गए इंदौर की लोकेशन के साथ।
पिछले शुक्रवार, ग्यारह मई 2024 को जब सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ में नकसलियों से मुठभेड़ की तो उसके एक दिन पहले से ग्यारह मई तक ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी और इस से जुड़े लोगों के फोनों पर फोन कॉल्स आना शुरू हो गए।
ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है कि ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी और इस से जुड़े लोगों को ट्रैप कर के इन घटनाओं में उनके शामिल होने और उनसे जुड़े होने का झूठा आरोप गढ़ कर जेल में ठूंसा जा सके।
आप पूछेंगे कि ये ट्रैप कैसे काम करता है?
ये काम ऐसे करता है कि मान लो कि मारे गए किसी नक्सलवादी के मोबाइल फोन से कोई पुलिस वाला आपको फोन करता है। जैसी ही आपने आ रही अनजान कॉल को गलती से उठा लिया तो आपके फोन के लोग्गिंग रिकॉर्ड्स में ये बात दर्ज हो जायेगी कि आपने उस नक्सलवादी के मोबाइल फोन का जवाब दिया है भले ही आपने फोन कॉल को दूसरी तरफ से कोई आवाज ना पा कर कट कर दिया हो।
आपके फोन के लोग्गिंग रिकॉर्ड्स को ये सरकारी लॉ इंफोर्समेंट और गुप्तचर एजेंसियाँ आपके खिलाफ सबूत के तौर पर अपने पॉलिटिकल मास्टर्स को दिखायेंगी और आपको ये कह कर हवालात में डाल देंगी कि आपके नक्सलवादियों से संबंध हैं।
परंतु, ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के कुछ सदस्य पहले सरकारी लॉ इंफोर्समेंट और गुप्तचर एजेंसियों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं और इन्हें इन सरकारी लॉ इंफोर्समेंट और गुप्तचर एजेंसियों की इन दुष्टताओं और घिनोने हथकंडों का पता है। इसलिए, ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी और इस से जुड़े लोग किसी भी अनजान फोन कॉल को पिकअप ही नहीं करते हैं। ना रहेगा बांस और ना बजेगी बाँसुरी।
अब आप समझ गए होंगे कि श्री नरेंद्र मोदी की भाजपा कितनी खतरनाक है… !
(Hidden Facts of History Series - 4)
(अनसुना इतिहास श्रंखला - ४)
Note: Research inputs by the All India Insaaneyat Party
टिप्पणी: हिंदी में अंग्रेजी शब्द 'वीडियो' के लिए आत्मीयता पत्रिका ने नया शब्द 'चलचित्रिका'/चलचित्रका' का सृजन किया है।
(स्रोत: सोशल मीडिया, व्हाट्सएप्प, एक्स, इंटरनेट पर मुफ़्त में उपलब्ध छायाचित्र, चलचित्रिका और सामग्री)
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