हरियाणा के भिवानी हांसी क्षेत्र में देवी देवताओं के कुछ नौजवान नए नए भक्त आजकल यह प्रचार कर रहें हैं कि केवल उन्हें ही दुर्गा सप्तश्ती में विद्यमान एक विशेष गुप्त मन्त्र की जानकारी है, जगत में किसी अन्य को इसकी जानकारी नहीं है. उनका यह दावा सरासर गलत है.
दुर्गा सप्तश्ती में विद्यमान इस गुप्त मन्त्र की जानकारी लाखों भक्तों को हैं, विशेषकर जो शिव जी और सिद्धों की संजीवनी विद्या, शाम्भवी विद्या का अभ्यास करते हैं या सिद्धि प्राप्त करते हैं.
गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित "दुर्गा सप्तश्ती" में पृष्ठ ४७ पर विद्यमान यह गुप्त मन्त्र नीचे दिया जा रहा है जो किसी सिद्ध गुरु से दीक्षा लेने पर सुगमता से सिद्ध हो जाता है:
"ओम ह्रीं क ए ई ल ह्रीं
ह स क ह ल ह्रीं
स क ल ह्रीं"
- डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी
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