अपना असली काम

तुम्हारा अपना और असली काम "भजन सिमरन" है।

समय आने पर यही तुम्हें चौरासी के बँधन से आजाद करा देगा जिसमें तुम युगों युगोँ से बन्दी हो।

जीवन छोटा है, समय तेजी से बीतता जा रहा है इस अवसर का पूरा पूरा लाभ उठाओ । और यदि अभी तक अपना "असली काम" नहीं किया है तो अब शुरु कर दो।

"सच्चे गुरु" की खोज करो और उसकी बतायी हुई युक्ति को अपनाओ ।

अपनी आत्मा को "शब्द" के साथ जोड़कर, अपने असली घर  "सचखँड"  वापस पहुँच जाओ। 

प्रस्तुतकर्ती: सुजाता कुमारी

(स्रोत:सरदार जगत बहादुर सिंह जी महाराज, राधास्वामी ब्यास,भारतीय लोकश्रुतियां)



        

         

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