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सोच ये ना रखें कि मुझे रास्ता अच्छा मिले, बल्कि... (कविता)
सोच ये ना रखें
कि
मुझे रास्ता अच्छा मिले,
बल्कि
ये होना चाहिए
कि
मैं जहां पाव रखूं
वो रास्ता अच्छा हो जाए;
क्यूँकि
जो
अपने
कदमों की काबिलियत
पर विश्वास रखते हैं,
वो ही अक्सर
मंजिल पर पहुँचते हैं...!
🌾🦋🍁 🍁🦋🌾*
(प्रस्तुतकर्ती: सुजाता कुमारी) (स्रोत: भारतीय लोककाव्य)
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