सोच ये ना रखें कि मुझे रास्ता अच्छा मिले, बल्कि... (कविता) Posted by Aatmeeyataa Patrekaa Editorial Team-Incharge and Editor-in-chief Sujata Kumari on February 14, 2022 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps सोच ये ना रखें कि मुझे रास्ता अच्छा मिले, बल्कि ये होना चाहिए कि मैं जहां पाव रखूं वो रास्ता अच्छा हो जाए; क्यूँकि जो अपने कदमों की काबिलियत पर विश्वास रखते हैं, वो ही अक्सर मंजिल पर पहुँचते हैं...! 🌾🦋🍁 🍁🦋🌾* (प्रस्तुतकर्ती: सुजाता कुमारी)(स्रोत: भारतीय लोककाव्य) Comments
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