१९ जनवरी, २०२२ का दिन भारत के लिए एक शर्मनाक दिन था जब उस दिन की प्रात: भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) में केंद्रीय सरकार की महिला स्टैंडिंग काउंसलर को केवल इसलिए प्रताड़ित किया गया कि वह एक महिला हैं।
अन्यों से तो प्रश्न हिंदी में पूछे जा रहे थे। मात्र इस महिला से ही अंग्रेजी में सवाल पूछे जा रहे थे।
बात साफ है कि इस महिला को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से ही इस से सवाल अंग्रेजी में पूछे जा रहे थे जिससे खफा हो कर यह महिला बिफर पड़ी।महिला की प्रताड़ना घोर निंदनीय है। यह हर महिला का अपमान है।
सवाल बहुत बड़ा है। क्या महिला होना गुनाह है?
भारत सरकार का कानून मंत्रालय, और राष्ट्रीय महिला आयोग अविलंब इस मामले की निष्पक्ष जांच पड़ताल करे। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भूल कर भी किसी महिला को प्रताड़ित न कर पाए।
- सुजाता कुमारी,
प्रधान संपादिका,
आत्मीयता पत्रिका
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