भारतीय लोकतंत्र इतना मजबूत है
कि राजनीतिक दलबार बार बार उल्लू इसे बनाते हैं,
गरीबी हटाओ के नारे लगाते हैं,
15 लाख रुपए चांद से नहीं
बल्कि इसी जमीन पर मौजूद
स्विस बैंक में जमा काले
भारतीयों के काले खजाने को
तोड़कर लाने
हर आम भारतीय को दिलाने का
ख्वाब हसीन दिखाते हैं,
आकाश गंगा की हद को लांघ कर
दूसरी दुनिया को छूती
पैट्रोल डीजल की कीमतों को
वापिस इसी जमीन पर खींच लाने का नजरबंदी का रंगीन जादू चलाते हैं
.......और दिल्ली की बादशाहत
करने मजे
अगले पांच साल के लिए
पा जाते हैं,
.....तो भी भारतीय जनता
नहीं
उफ तक करती है,
जमहूरियत में भरोसा अपना
करके बंद आँखें
भरोसे ऊपर वाले के
बनाए रखती है....!
दुश्मन हों
लोकतंत्र के
सारे के सारे बर्बाद,
मेरा भारतीय लोकतंत्र
जिंदाबाद,
जिंदाबाद.......!!!??
- स्वामी मूर्खानंद जी
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