विजेता

तप से  

ईश्वर

का दीदार

उसको 

हुआ  है,

दरिया के 

खतरों से 

पार जो 

हुआ है...!







बना विजेता 

आज तक 

 वो ही, 

डर की 

छाती पर 

सवार 

जो हुआ है...!


- शरदेन्दु शुक्ल 'शरद' पुणेकर 

Comments