कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए जानने लायक आवश्यक जानकारी

कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए जानने लायक आवश्यक जानकारी:

खांसी, गले में खुर-खुर हो रही है तो कोरोनाकाल में यह असामान्य बात है।

न रूकने वाली गले में खुर खुर सूखी खांसी आने लगे तो तीन दिन तक सुबह-शाम भोजन के 10 मिनट बाद MOXCLAV 625 (500mg) टेबलेट लें। और सात दिन तक रात में भोजन के 10 मिनट पश्चात MONTELUKAST की एक टेबलेट लें। यदि बुखार आए तो  MEFTAL (fortified) की एक टेबलेट खाएं। बुखार न आए तो MEFTAL टेबलेट न खाएं। MEFTAL की टिकिया Paracetamol टेबलेट से ज्यादा असरदार है।

ऊपर लिखी दवाएं लेने से मरीज की खांसी चली जाएगी और गले की खुर खुर भी बंद हो जाएगी। ठंडी चीजों का सेवन न करें। हरेक घंटे बाद आधा या पूरा गलास गुनगुना पानी ही पिएं गला ठीक होने तक। इस कोरोनाकाल में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। कोविड  जब संक्रमित करता है तो पहले 4-5 दिन बुखार  कभी 99 या उससे अधिक हो जाता है और बीच-बीच में 98 के आसपास हो जाता है। तापमान का ऊपर-नीचे होना  कोविड की निशानी है। इस समय कोरोना असर दिखाना शुरू कर रहा होता है और हमारा शरीर उससे लड़ रहा होता है। इस लड़ाई में तापमान ऊपर और नीचे होता रहता है भूख भी कम हो जाती है। मसलन जो रोजाना चार चपाती खाता है, वह दो चपाती खाना शुरू कर देता है। किसी किसी मरीज को ऐसा लगता है कि उसका पेट भरा हुआ है। ।यदि ऐसा होता है तो तुरंत अपने डाॅक्टर को संपर्क करके दवाई शुरू कर देनी चाहिए।

बुखार उतारने के लिए MEFTAL टेबलेट लेनी चाहिए। दवाईयों में IVERMECTIN (12mg) मुख्य दवाई है। इसे तीन दिन तक रात में भोजन के 2 घंटे बाद या भोजन से आधा घंटे पहले एक गलास पानी के साथ लेना होता है। यह दवाई 24 से 48
घंटों के अंदर कोरोना के वायरस को पनपने से रोक देती है। इस कारण वायरस साइटोकाईन तूफ़ान पैैैदा नहीं करवा पाता हैैैैै और फेेेफडे संंक्रमित होने से बच जाते हैैं।
 
"दी डेजर्ट रिव्यू" पत्रिका में 1 जून, 2021 को प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार दिल्ली में आइरमेकटिन दवाई खाने से कोविड के मरीज 20 अप्रैल, 2021 को 30,000 से घट कर 29 मई, 2021 को 956 रह गए,  यानी दिल्ली में कोविड मरीज 97% घट गए!
जबकि आइरमेकटिन का इस्तेमाल न करने वाले तमिळनाडू में इसी दौरान कोविड संक्रमितों की संख्या 10,986 से बढ़कर 36,184 हो गई। इस दौरान दिल्ली में कोविड से मरने वालों की संख्या 277 से घट कर 117 हो गई। जबकि तमिळनाडू में यह आंकड़ा 48 से बढ़कर 474 हो गया।
यदि समय पर IVERMECTIN नहीं ली तो छठे या सातवें दिन वायरस मरीज को खासा नुकसान पहुंचा देता है। छठे या सातवें दिन मरीज का बुखार 101 या इससे भी ज्यादा हो जाता है। इस बढ़े हुए तापमान का अर्थ होता है कि वायरस फेफड़ों में घुस गया है और उसकी वजह से पैदा हुए साइटोकाईन तूफ़ान ने फेेेफड़ो  के 50% से 70% तक के हिस्से को बेकार कर दिया है। तब मरीज को सांस लेने में परेशानी शुरु हो जाती है। उसका ऑक्सीजन का स्तर सामान्य 95 से घट कर नीचे की और चला जाता है। तब मरीज को ऑक्सीजन देनी पड़ती है। 101 बुखार वाले दिन भी यदि IVERMECTIN  दवाई शुरू कर दी जाए तो भी फायदा होता है। संक्रमण फैलने से रूक जाता है।

जिस दिन पहली बार कोरोना का बुखार आता है उस दिन से ले कर दसवें दिन तक कोरोना को हमारा शरीर मार देता है। ग्यारहवें दिन हमारे शरीर में कोरोना जिंदा ही नहीं बचता है।

जब शरीर में कोरोना मर जाता है तो मरीज को फिर से भूख लगने लगती है।

इसलिए अपने शरीर में असामान्य तापमान,  असामान्य बुखार,  असामान्य खांसी, खुर और भूख न लगना जैसी बातों को नजरअंदाज न करें।

- विशेष रपट 

Comments