कोरोना-१९ के हाथों शहादत पाए डेढ़ लाख से अधिक भारतीय "गणों" के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए आत्मीयता पत्रिका ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस नहीं मनाया!

प्रिय सुधी पाठिका-पाठक, 

हार्दिक नमस्ते!!!

भारतीय "तंत्र" (राष्ट्र) के लगभग डेढ़ लाख "गण" (नागरिक) इस निगोड़े कोरोना-१९ नामक भयावह विषाणु के हाथों संक्रमित हो कर अपने अमूल्य प्राणों को गँवा चुके हैं, अभी तक! 
इस देश में मृतक के सम्मान में शोक मनाने की वैज्ञानिक परंपरा सदियों से रही है। 
जैसे कि - आज भी जब किसी सनातन धर्मावलंबी के परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार में १३ दिवस तक शोक मनाया जाता है, न कि उत्सव!
राष्ट्र भी एक वृहत् परिवार ही तो है। इस राष्ट्रीय परिवार के डेढ़ लाख सदस्य कोरोना-१९ से लडते हुए शहीद हो गए हैं। आत्मीयता पत्रिका भी इसी राष्ट्रीय परिवार का अभिन्न अंग है। 
प्रश्न है कि क्यों हम गणतंत्र दिवस आदि किसी भी प्रकार के उत्सव मनाने की असंवेदनशीलता प्रदर्शित करें जब इस परिवार ने अपने डेढ़ लाख लाडलियां-लाडले खो दिए हैं?
अतएव, आत्मीयता पत्रिका ने इस वर्ष २६ जनवरी, २०२१ का गणतंत्र दिवस नहीं मनाने का निर्णय लिया है ताकि इस दिवस पर हम मौन रह कर अपने भारतीय राष्ट्र के इन डेढ़ लाख मृतकों के प्रति अपना अथाह सम्मान और संवेदना व्यक्त कर सकें। इसी संवेदनशील निर्णय के चलते हमने इस वर्ष अपनी आत्मीयता पत्रिका में गणतंत्र दिवस मनाने से संबंधित कोई भी रचना प्रकाशित नहीं की है। 
अब रही बात नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय सरकार, और विभिन्न राज्य सरकारों की। सरकारों ने डेढ़ लाख मृतक गणों के प्रति असम्मान और अपनी घोर असंवेदनशीलता को ही वस्तुत: प्रकट किया है गणतंत्र दिवस की परेड निकाल कर और गणतंत्र दिवस मना कर जब इस गणतंत्र के डेढ़ लाख से अधिक की संख्या में गण अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं! 
कोरोना-१९ के हाथों शहादत पाए डेढ़ लाख से अधिक भारतीय "गणों" के प्रति आत्मीयता पत्रिका इस गणतंत्र दिवस के शुभ राष्ट्रीय पावन अवसर पर अपनी मार्मिक संवेदनशीलता और शोक व्यक्त करती है! साथ ही सर्वशक्ति से, विहल नयनों से अविरल प्रवाहित हो रही अश्रुधारा के संग करबदध हाथों से अति कातर प्रार्थना कर रही है कि इन डेढ़ लाख मृतक गणों की आत्माओं को चिर शांति मिले...उनके शोक संतप्त परिवार इस दुख के महासागर से बाहर निकल सकें! 
मैं आत्मीयता पत्रिका परिवार की ओर से इसी विनीत प्रार्थना के साथ अपनी तूलिका को अब कुछ समय तक विश्राम दे रही हूँ...!
आपकी
सुजाता कुमारी, 
मुख्य-संपादिका - आत्मीयता पत्रिका 

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