नवीन दोहे कोरोना-काल के

         




























रहीमदास 


"रहिमन घर से जब चलो, 

रखियो मास्क लगाए! 

ना जाने किस वेश में 

मिलने कोरोना आए!" 


"🙏🙏🙏

किसी के भी घर अभी जाना नहीं,

किसी को भी घर बुलाना नहीं नव!

क्योंकि कोरोना-काल में है

अतिथिदेवो रिस्की भव 🙏🙏🙏!"


            कबीरदास

"कबीरा काढा पीजिए, 

काली मिरिच मिलाय। 

रात दूध हल्दी पियो, 

सुबह पीजिए चाय।।"


तुलसीदास

"छोटा सेनिटाइजर तुलसीदास

राखिए अपनी जेब। 

न काहूँ सो मागिहो, 

न काहूँ को देब।।"


 सूरदास

"सूरदास घर मे रहो, 

ये है सबसे बेस्ट। 

गर जुकाम, सर्दी लगे, 

तुरंत करा लो कोरोना टेस्ट।।"


मलूकदास

"बिस्तर पर लेटे रहो 

सुबह शाम दिन रात। 

एक तो रोग भयंकरा, 

ऊपर से बरसात।।"        


"रहिमन वैक्सीन लगवाइए, 

बिन वैक्सीन सब सून, 

वैक्सीन बिना ही बीत गए,

जुलाई अगस्त और जून!"


"कबीर वैक्सीन ढूंढ लिया, 

धीरज धरो भारतीय तुम!

ट्रायल फायनल हो चुके ,

16 जनवरी से लगेंगे सून!!"

तब तक और उसके बाद भी😷😷😷......!

प्रस्तुतकर्ती:
सुजाता कुमारी 
प्रस्तुतिकरण की दिनांक: ०९ जनवरी,२०२१
प्रकाशन की दिनांक:       ११ जनवरी,२०२१

(स्रोत: भारतीय जनश्रुतियां)

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