अंतर्मन की लहरें पग पग उठने लगे,
यौवन भी जब पल-पल महकने लगे,
प्यार के फूल कलियाँ जब खिलने लगे,
.....तब तुम मेरे पास आना प्रिये!
सुरमई सांझ भी जब मुस्कुराने लगे,
शिकवा ना करो मुझे लगा लो गले,
हर घड़ी याद ऐसी जब सताने लगे,
.....तब तुम मेरे पास आना प्रिये!
इश्क के समंदर में हम खो जाएंगे,
इश्क क्या चीज है फिर बतलाएँगे,
सूने जीवन में कलियाँ खिल जाने लगे,
..... तब तुम मेरे पास आना प्रिये!
सच कहती हूँ मैं हर वादा निभाऊँगी,
काली रातों को भी तेरी मैं सजाऊँगी,
यादों का काफिला जब मचलने लगे,
... तब तुम मेरे पास आना प्रिये!
~ @निक्की शर्मा 'रश्मि' मुम्बई
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