कोरोना विषाणु-19 की 2003-2004 में भविष्यवाणियां हुई थीं? ( WAS CORONA-19 VIRUS EPIDEMIC PREDICTED IN 2003-2004?)
मुझे यानी डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को साल 2004 में पुणे में एक गुजराती तांत्रिक ने बताया था कि "15 साल बाद (यानी 2019 में) दुनिया में भयानक महामारी आएगी। उस महामारी से पीडित बीमार जब रात में सोएंगे तो सुबह तक उनके शरीर का मांस विषाणु के कारण पानी बन चुका होगा। केवल हड्डियां ही रह जाएँगी। मैंने आपके बारे में अपने गुजरात के गुरु जी से पता किया है- आप उस वक्त लोगों की जान बचाएंगे। इसलिए आप साधना करते रहिये। आप रोटी की चिंता न कीजिए। ऊपरवाला आपको रोटी दिलाता रहेगा। उस वक्त तक मैं शायद जिंदा न रहूँ।"
उस से पहले साल 2003 में डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को भी यही सपना दिखा था। इस सपने के
बाद 2003 साल ही में महाराष्ट्र के अहमदनगर के विलद घाट में स्थित 'सर्वात्मक' आश्रम के गुरु जी ने भी सत्संग में बताया था कि जब वह अंतर में चढाई कर रहे थे तो भगवान विष्णु जी ने उन्हें इस महामारी के बारे में आगाह किया और कहा कि इस महामारी से केवल सच्चे आध्यात्मिक रस्ते पर चलने वाले लोग ही बचेंगें।
अब यह बात तो साफ है कि भविष्यवाणियां अक्सर सीधे सीधे न दिख कर प्रतीकों के रुप में दिखा करती हैं। तो सवाल यह उठता है कि
क्या वर्तमान कोरोना संकट यही महामारी है?
Comments