क्या अरविंद केजरीवाल पूरी तरह सुधर गया है? कहने का मतलब यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल ने अपने महाअहंकार को हमेशा हमेशा के लिए तिलांजली दे दी है? लगता तो नहीं है!
अरविंद केजरीवाल इंटरनेट का कीडा है। क्यों? अरे भईया जी, आखिर वह सोशल मीडिया पर उसके खुद के बारे में चल रही बातों पर पैनी नज़र जो रखता है। इंटरनेट का कीडा हुआ कि नहीं? दूसरी अहम बात यह है कि उसके पास सोशल मीडिया को संभालने के लिए पूरी बहुत बड़ी टीम है जो लाखों लोगों से आए अभिवादन का ट्वीटर पर एक पल में एक ही साथ जवाब दे सकती है।
चलिए, अब मुद्दे की बात पर आया जाए।
कोई भी सभ्य व्यक्ति या राजनीतिक दल अपने पास आए सभी अभिवादनों/अभिनंदनों का फौरन जवाब दे देते हैं। जवाब केवल वही नहीं देते हैं जिनमें हद से ज्यादा खुदगरजी और गुरूर/घमंड होता है। या फिर जो खुद को खुदा से भी बड़ा समझते हैं। आम इंसान की तो बात ही क्या!
अब अरविंद केजरीवाल को ही लीजिए। ऑल
इंडिया इंसानियत पार्टी और डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने ट्वीटर पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को उनकी 2020 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत पर बधाई दी थी। मगर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने न तो हमारे अभिनंदन का कोई जवाब दिया और न ही डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अभिवादन का। यानी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने उन्हीं को जवाब दिया जो इन्हें अपने से बड़े लगते हैं या जिनसे कुछ सियासी फायदा नजर आ रहा है। यह बात इससे साफ है कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री शपथ समारोह में केवल प्रधान मंत्री जी को ही बुलाया है । क्यों?? शायद इसलिए कि वह अपने आप को दूसरे विपक्षी नेताओं से बड़ा और प्रधान मंत्री के बराबर समझता है।
तो ऐसे खुदगर्ज़ इंसान का क्या कीजियेगा?
शायद इसकी खुदगर्जी को समझ कर ही डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने उस टवीट को डीलीट कर दिया है जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को उनकी 2020 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत पर बधाई दी थी।
सबसे अहम सवाल अब यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल कभी सुधरेगा भी या नहीं? खैर, कोई सुधरे या न सुधरे, हमें क्या लेना। हम खुद को ही सुधार लें, हमारे लिए यही काफी है।
अरविंद केजरीवाल इंटरनेट का कीडा है। क्यों? अरे भईया जी, आखिर वह सोशल मीडिया पर उसके खुद के बारे में चल रही बातों पर पैनी नज़र जो रखता है। इंटरनेट का कीडा हुआ कि नहीं? दूसरी अहम बात यह है कि उसके पास सोशल मीडिया को संभालने के लिए पूरी बहुत बड़ी टीम है जो लाखों लोगों से आए अभिवादन का ट्वीटर पर एक पल में एक ही साथ जवाब दे सकती है।
चलिए, अब मुद्दे की बात पर आया जाए।
कोई भी सभ्य व्यक्ति या राजनीतिक दल अपने पास आए सभी अभिवादनों/अभिनंदनों का फौरन जवाब दे देते हैं। जवाब केवल वही नहीं देते हैं जिनमें हद से ज्यादा खुदगरजी और गुरूर/घमंड होता है। या फिर जो खुद को खुदा से भी बड़ा समझते हैं। आम इंसान की तो बात ही क्या!
अब अरविंद केजरीवाल को ही लीजिए। ऑल
इंडिया इंसानियत पार्टी और डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने ट्वीटर पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को उनकी 2020 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत पर बधाई दी थी। मगर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने न तो हमारे अभिनंदन का कोई जवाब दिया और न ही डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अभिवादन का। यानी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने उन्हीं को जवाब दिया जो इन्हें अपने से बड़े लगते हैं या जिनसे कुछ सियासी फायदा नजर आ रहा है। यह बात इससे साफ है कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री शपथ समारोह में केवल प्रधान मंत्री जी को ही बुलाया है । क्यों?? शायद इसलिए कि वह अपने आप को दूसरे विपक्षी नेताओं से बड़ा और प्रधान मंत्री के बराबर समझता है।
तो ऐसे खुदगर्ज़ इंसान का क्या कीजियेगा?
शायद इसकी खुदगर्जी को समझ कर ही डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने उस टवीट को डीलीट कर दिया है जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को उनकी 2020 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत पर बधाई दी थी।
सबसे अहम सवाल अब यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल कभी सुधरेगा भी या नहीं? खैर, कोई सुधरे या न सुधरे, हमें क्या लेना। हम खुद को ही सुधार लें, हमारे लिए यही काफी है।
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