जानिए क्यों ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मूळ नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के लिए मूळ नक्षत्र की शांति करवाना ज़रूरी होता है

जानिए क्यों ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मूळ नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के लिए मूळ नक्षत्र कई समस्याएं पैदा करता है। 
मूळ नक्षत्र को केतु का नक्षत्र भी कहा जाता है। 
प्रथम चरण में यह पिता को कष्ट देता है , दूसरे चरण में यह माता के लिए कष्टकारक होता है , तीसरे चरण में यह धन का नाश करता है , और चौथे चरण में इसकी शांति का उपाय करने से यह शुभ हो जाता है। 
दोष का निवारण 
मूळ नक्षत्र की शांति जातक के पैदा होने के सत्ताइसवें दिन करवानी होती है। प्रत्येक महीने मूळ नक्षत्र जिस दिन हो उस दिन भी इसकी शांति की जा सकती है। मंत्र जप मूळ नक्षत्र के स्वामी ग्रह का करवाना होता है और हवन भी करवाना ज़रूरी होता है।  


- आचार्य सत प्रकाश शर्मा जी,
   ज्योतिषाचार्य (Astrology Graduate),
   वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता (Senior Researcher),
   संपर्क सूत्र : मोबाईल फ़ोन/व्हाट्स ऍप -  9718843222 

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