aaj ki baat - 11 प्लास्टिक से निजात के कुछ ठोस उपाय


Comments

बंधु आवेश जी, पर्यावरण की रक्षा हेतु आपके सदविचारों की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है क्योंकि आपने इन विचारों को अपनी यथार्थ जिंदगी में भी बड़ी सहजता से उतारा है! इसके लिए आपको कोटि कोटि बधाई और धन्यवाद! ������
जनकवि हिंदुस्तानी जी,
हम आशा करते हैं कि हमें नियमित रूप से आत्मीयता पत्रिका में आपकी ताजातरीन उम्दा कविताएँ/लेख रस्वादन करने के लिए ऐसे ही भविष्य में भी मिलते रहेंगें!
यहाँ हम यह बताना चाहेंगे कि जैसे रहीम जी के दोहे दो पंक्तियों में सब कुछ बयां कर जाते हैं, वैसे ही आपकी टविटर पर 140 अक्षरों वाली चार काव्य-पंक्तियाँ सहज ही सब कुछ कह देती हैं! आपका 4 पंक्तियों का मक्खन 400 पंक्तियों वाले साधारण लेख रूपेण मिलावटी दूध से हजार गुणा श्रेष्ठ है!
सो, आप नियमित रूप से टविटर के साथ साथ आत्मीयता पत्रिका में भी 140 वाली 4 पंक्तियों का जादू बिखेरते रहिए!
������
बहुत बहुत धन्यवाद!!!
- संपादकीय मंडली,
आत्मीयता पत्रिका