तुम्हारे इस दुनिया से जाने के बाद चाहे हजारों लोग तुम्हें याद करें कि तुमने जिंदा रहते हुए उनकी बहुत मदद की थी, मगर अगर तुमने सियासी ताकत होते हुए भी जानबूझकर किसी एक इंसान का आंसू नहीं पोंछा तो केवल उस एक आंसू के सैलाब में ही तुम्हारे सब अच्छे काम डूब जाएँगें!
ऊपर वाला भी तुम्हारी रूह से जवाब मांगेगा - "मैंने तुम्हें सब कुछ दिया था, सब कुछ बख्शा था, ऊँचे ऊँचे ओहदे दिए थे, ताकत दी थी, हुकूमत से नवाजा था - फिर भी तुमने मेरे उस प्यारे जरूरतमंद की मदद क्यों नहीं की?"
फिर तुम किस मुँह से जवाब दोगे?
इसलिए जमहूरियत में अपनी ताकत का इस्तेमाल सभी इंसानों की भलाई के लिए करो, फिर भले ही वह इंसान तुम्हारा सियासी विरोधी ही क्यों न हो!
आज इंटरनेट और सोशल मीडिया का जमाना है! मुल्क का कोई भी शख्स तुमसे सोशल मीडिया पर आकर मदद के लिए गुहार लगा सकता है।
यह न करो कि कुछ की तो तुम मदद कर दो और उसके लिए दुनियाभर में वाही वाही लूटते समेटते फिरो और कुछ की फरियादों को नजरअंदाज कर दो!
माना कि हो सकता है कि तुम्हारे सोशल मीडिया खातों को तुम्हारे अफसर, कर्मचारी और कार्यकरता हैंडल करते हों क्योंकि तुम्हारे पास इसके लिए फुर्सत ही ना हो! लेकिन, तुम इन सभी को हिदायत तो दे ही सकते हो कि आने वाली हर फरियाद को सुनें और फौरन सुलटा दें! अगर वे ऐसा न कर सकें तो तुम्हें बता दें और फिर तुम खुद उसे सुलटा दो।
अगर तुम सभी की मदद करोगे तो तुम्हारे जाने के बाद तुम्हें तुम्हारे विरोधी भी इज्जत से याद करेंगे और तुम्हारी याद में दिल से सच्चे आंसू बहाएंगें! ऊपर वाला भी तुम्हारी रूह को खूब इज्जत बख्शेगा! यही तुम्हारे लिए सच्चा असली राजनीतिक योग है!
- डॉक्टर स्वामी अप्रतिमानंदा जी
(Foto: Courtesy of Dr Swaamee Aprtemaanandaa Jee)
ऊपर वाला भी तुम्हारी रूह से जवाब मांगेगा - "मैंने तुम्हें सब कुछ दिया था, सब कुछ बख्शा था, ऊँचे ऊँचे ओहदे दिए थे, ताकत दी थी, हुकूमत से नवाजा था - फिर भी तुमने मेरे उस प्यारे जरूरतमंद की मदद क्यों नहीं की?"
फिर तुम किस मुँह से जवाब दोगे?
इसलिए जमहूरियत में अपनी ताकत का इस्तेमाल सभी इंसानों की भलाई के लिए करो, फिर भले ही वह इंसान तुम्हारा सियासी विरोधी ही क्यों न हो!
आज इंटरनेट और सोशल मीडिया का जमाना है! मुल्क का कोई भी शख्स तुमसे सोशल मीडिया पर आकर मदद के लिए गुहार लगा सकता है।
यह न करो कि कुछ की तो तुम मदद कर दो और उसके लिए दुनियाभर में वाही वाही लूटते समेटते फिरो और कुछ की फरियादों को नजरअंदाज कर दो!
माना कि हो सकता है कि तुम्हारे सोशल मीडिया खातों को तुम्हारे अफसर, कर्मचारी और कार्यकरता हैंडल करते हों क्योंकि तुम्हारे पास इसके लिए फुर्सत ही ना हो! लेकिन, तुम इन सभी को हिदायत तो दे ही सकते हो कि आने वाली हर फरियाद को सुनें और फौरन सुलटा दें! अगर वे ऐसा न कर सकें तो तुम्हें बता दें और फिर तुम खुद उसे सुलटा दो।
अगर तुम सभी की मदद करोगे तो तुम्हारे जाने के बाद तुम्हें तुम्हारे विरोधी भी इज्जत से याद करेंगे और तुम्हारी याद में दिल से सच्चे आंसू बहाएंगें! ऊपर वाला भी तुम्हारी रूह को खूब इज्जत बख्शेगा! यही तुम्हारे लिए सच्चा असली राजनीतिक योग है!
- डॉक्टर स्वामी अप्रतिमानंदा जी
(Foto: Courtesy of Dr Swaamee Aprtemaanandaa Jee)
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