बाईक बोट टैक्सी कंपनी द्वारा ठगी गई जनता करे पुकार - क्यों है सो रही कुंभकरण की नींद नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार?

बाईक बोट टैक्सी महाघोटाले से पीङित
हजारों आम निवेशकों ने 15 जुलाई 2019 के दिन प्रधानमंत्री निवास पहुँचने का असफल प्रयास किया! इनकी योजना वहाँ सत्याग्रह करने की थी!
वहाटस एप पर 14 जुलाई 2019 को घूम

रही जानकारी के अनुसार,

"*एक लाख सैनिक  करेंगे मोदी को अपने मैडल वापस*
हिंदुस्तान के इतिहास के सबसे बड़े ठगी कांड बाइक बोट स्कैम के पीड़ितों को न्याय सम्मान मुआवजा और उनकी डूबी हुई रकम वापस दिलाने के लिए ऑल इंडिया बाइक बोट टैक्सी यूनियन के हजारों कार्यकर्ता  दिनांक 15 जुलाई 2019 को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री निवास 7 रेसकोर्स रोड चाण्क्य पूरी अशोक होटल के पास लोक कल्याण  मार्ग नई दिल्ली का घेराव करेंगे।। सत्याग्रही लोक कल्याण मार्ग मैट्रो स्टेशन पर एकत्र होकर प्रधानमंत्री निवास की ओर मार्च करेंगे।।
सत्याग्रही प्रधानमंत्री से बाइक बोट ठगी प्रकरण के लाखों पीड़ितों को  मुआवजा देने, समस्त ठगों को गिरफ्तार कर दिल्ली तिहाड़ भेजने, पीड़ितों से ठगी गई लगभग 42 हजार करोड़ रुपये की रकम को पीड़ितों को तुरंत वापस दिलाने, पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने और भविष्य में फिर कोई ठग गिरोह लाखों नागरिकों को ठगी का शिकार न बना सके इसके लिए चीटिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग करेंगे।
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा, दिल्ली मेरठ, बरेली, लखनऊ, चंडीगढ़, सोनीपत, रोहतक, मुंबई, बंगलौर, अहमदाबाद, चेन्नई, पूना,  भुवनेश्वर, बनारस और जयपुर समेत देश के लगभग सभी शहरों में बाइक बोट टैक्सी स्कीम का लालच देकर लगभग एक लाख सैनिकों और पांच लाख असैनिक नागरिकों को ठग लिया गया है। संसार के सबसे ठगी कांड को अंजाम देने वाले गर्वित इनोटिव प्रमोटर्स लिमिटेड, गो वे टैक्सी, हैलो टैक्सी, एन एम एम और इंडिपेंडेंट टीवी के मालिकान और डायरेक्टर्स ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से वर्ष 2017 में अखिल भारतीय स्तर पर ओला ऊबर जैसी बाइक टैक्सी सर्विस देश के बड़े शहरों में आरम्भ करने का ऐलान किया और इसकी लॉन्चिंग में सेना पुलिस राजस्व परिवहन विभाग के सैकड़ों बड़े अधिकारियों को आमंत्रित किया। ठगों ने अपनी योजना को असली बताने के लिए इसके साथ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री की स्वरोजगार स्कीम को भी जोड़ा। कंपनी मंत्रालय, परिवहन विभाग के साथ साथ ठगों ने अपनी योजना से पर्यावरण मंत्रालय को भी सम्बद्ध बताया और कई बड़े बैंक और मीडिया घरानों को भी अपना पार्टनर बनाया।।
ठगों ने अपनी साजिश और योजना को मूर्त रूप देने के लिए बड़े बड़े मुशायरे सेमिनार और ब्लड डोनेशन कैम्प भी आयोजित किये जिनमें लाखों लोगों ने शिरकत की। ब्लड डोनेशन को सेना के नाम तो मुशायरे को इस्लाम के नाम समर्पित दिखाया गया जिससे प्रभावित होकर लाखों सैनिक और मुसलमान ठगों के जाल में फंसते चले गए। ठगों ने 10 हजार पूर्व सैनिकों का ब्लड निकालकर भी रक्त व्यापारियों को बेच दिया। ठगों के खिलाफ सरकार की मिलीभगत और उदासीन रवैये से नाराज लाखों सैनिकों ने अपने सेवा मैडल प्रधानमंत्री को वापस करने का निर्णय लिया है। ठगों ने हिन्दू मुसलमान सिक्ख ईसाई किसी को भी नहीं बख्शा और देखते 2 मात्र डेढ़ साल में सात लाख से ज्यादा नागरिकों को ठगों ने अपने ठगी के मायाजाल में फंसा लिया।।
ठगों के जाल में फंसे सैनिक असैनिक किसान छात्र युवा और छोटे नेता व्यापारी और पूर्व सरकारी कर्मचारी आज दयनीय स्थित में हैं।
लाखों घर परिवारों को उजाड़ देने वाले ठगों में से दो जेबकतरे संजय भाटी और विजयपाल कसाना के साथ एक अडिशनल डायरेक्टर विनोद चौहान जेल में हैं और लगभग 97 ठग अभी भी खुले घूम रहे हैं। दादरी समेत देश के कई राज्यों में लगभग 70 मुकदमे ठगों के खिलाफ दर्ज हो चुके हैं। राज्य पुलिस एजेंसीज ठगी प्रकरण की जांच करने में असमर्थता महसूस कर रही हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भी अनिता सिंह चौहान व ठगी के शिकार बने सैकड़ों लोगों की शिकायत पर ठगों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया है जिसमें सोमवार मंगलवार तक बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है। पीड़ितों ने हाल ही में ठगी प्रकरण में फंसे नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए ऑल इंडिया बाइक बोट टैक्सी यूनियन का पंजीकरण दिल्ली सरकार से कराया है और ठगों के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई का ऐलान कर दिया है। यूनियन प्रधानमंत्री गृहमंत्री राष्ट्रपति रक्षामंत्री वित्तमंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल से लगातार संपर्क बनाए हुए है और इस ठगी प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने के लिए ट्रायल दिल्ली की फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के लिए लगातार आंदोलन कर रही है।
15 जुलाई को दिल्ली में हजारों पीड़ित इकट्ठे होकर प्रधानमंत्री निवास पर सत्याग्रह करेंगे और प्रधानमंत्री से मिलकर उनके समक्ष अपनी मांग रखेंगे।।
यूनियन अध्यक्ष रविन्द्र सिंह चौहान ने ठगी पीड़ितों से भारी संख्या में दिल्ली आने का आह्वान किया है।...प्लीज फारवर्ड टू ऑल"
अब सवाल उठता है कि उक्त प्रकरण में भाजपा की नरेंद्र मोदी की केंद्रीय सरकार क्यों चुप्पी साधे हुए है? इस दुखद प्रकरण का असली जिम्मेदार कौन है - भाजपा का केंद्रीय शासन, अक्षम भ्रष्ट प्रशासन, निवेशकों की अज्ञानता या थोङे समय में ही दुगुना कमाने का लालच?
जिम्मेदारी भले ही किसी की भी हो! पर एक बात जरूर सत्य है कि इस प्रकरण ने श्री नरेंद्र मोदी जी के नए भारत के आह्वान की बङी बेरहमी से पूरी हवा निकाल दी है!
बेहतर होगा कि समूचा विपक्ष जनहित के इस मुददे को पूरे जोर शोर से संसद के अंदर और बाहर उठाए!  
ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी समग्र राष्ट्रहित में जोरदार मांग करती है कि श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार तुरंत मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर पीङितों को अविलंब न्याय दिलवाए!

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