Badal Gaye Bol - 02



ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का
इस देश में यारों…..
इस देश में लूटती अब बहना !
अब देश को पड़ता सब सहना !!
यहां सिकुडी छाती जन जन की !
यहां बोली बन्द है सज्जन की !!
यहाँ मारे दुर्जन मस्ती में !
मचती है दहशत बस्ती में !!
पेड़ों पे लाशें दीनों की !
खुप्ती है कटारें दुष्टों की !!
जब रुकती है नाली शहरों मे ! ।
मरता है कर्मी नालों में !!
कहीं दहशत पसरी गांवों में !
कहीं दिखे न दया निगाहों में !!
यहां बिन बात ही जनता पिटती है !
यहां नित दिन अस्मत लुटती है !!
दुष्टों की मर गयी है शरम,
दिखाते अब तलवार का दम !
हत्थे जो इनके चढ़ जायें,
मुश्किल है फिर वो बच पाये !!
यहां गाते थे रान्झे मस्ती में,
मचती थी धूमें बस्ती में !!
इस देश में लूटती अब बहना !
अब देश को पड़ता सब सहना !!
ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का.........

- Aavesh Hindustani

Comments