सहिष्णुतापूर्ण राष्ट्रवाद!
न मंदिर मस्जिद झगङा,न गाय बकरी लफङा!
न भाषाई महानता पचङा,
न अनुसूचित
पिछङा अगङा!
न असमान नर नारी,
न संन्यासी गृहस्थ ब्रह्मचारी!
न भोगी महात्मा योगी,
न शासक प्रजा जोगी!
न पालतू वाद,
न फालतू विवाद!
मुझे तो प्रिय है मात्र
सहिष्णुतापूर्ण राष्ट्रवाद!
- डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी
(फोटो: सौजन्य - अलका लांबा, विधायक चाँदनी चौक, नई दिल्ली)
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