क्यों क्या राष्ट्र के नाम
संदेश देने का ठेका
@narendramodi जी आप ही के पास है?
चुनाव जीतने भर से कोई
नमूना महान नहीं बन जाता
है।यह भारतवर्ष का सशक्त लोकतंत्र है। आसमान की
तरफ मुंह करके मत थूकिए - कहीं आपकी ही
सियासी दुकान जल्दीसे ना बंद हो जाए!
आपने जैसी भाषा का प्रयोग किया है उससे साफ है कि सबसे बड़े बड़बोले तो आज भारतवर्ष में आप ही हैं , उससे साफ है कि आपके अंदर का नक़ली फ़क़ीर असली फ़क़ीर डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी से ख़ौफ़ खा रहा है , मगर सीधे सीधे डर का इज़हार करने से डर रहा है।
आप केवल शिव की दिखावटी बाहरी पूजा करते हैं जबकि असली फ़क़ीर डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी भगवान शिव की असली अंदर की आत्मीयता की आत्मा की पूजा करते और जीते हैं। आप दोनों में यही सबसे बड़ा फ़र्क़ है। राजनीती करते करते आप महाझूठ और महा अहंकार की चाशनी चाटते चाटते इतनी बुरी तरह से इस चाशनी के अंदर डूब गए हैं कि आपको अपनी कमियाँ नज़र नहीं आ रही हैं।
चलिए जब तक ऊपर वाला चाहता है तब तक राज कीजिए।
आपने जैसी भाषा का प्रयोग किया है उससे साफ है कि सबसे बड़े बड़बोले तो आज भारतवर्ष में आप ही हैं , उससे साफ है कि आपके अंदर का नक़ली फ़क़ीर असली फ़क़ीर डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी से ख़ौफ़ खा रहा है , मगर सीधे सीधे डर का इज़हार करने से डर रहा है।
आप केवल शिव की दिखावटी बाहरी पूजा करते हैं जबकि असली फ़क़ीर डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी भगवान शिव की असली अंदर की आत्मीयता की आत्मा की पूजा करते और जीते हैं। आप दोनों में यही सबसे बड़ा फ़र्क़ है। राजनीती करते करते आप महाझूठ और महा अहंकार की चाशनी चाटते चाटते इतनी बुरी तरह से इस चाशनी के अंदर डूब गए हैं कि आपको अपनी कमियाँ नज़र नहीं आ रही हैं।
चलिए जब तक ऊपर वाला चाहता है तब तक राज कीजिए।
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