क्या आप जानते हैं कि क्यों यह भारत का महादुर्भाग्य है कि भारत के निजी प्रचार/प्रसार तंत्र के बहुतांश लोग आज नरेंद्र मोदी की चाटुकारिता करने में व्यस्त हैं और नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कुछ भी नहीं सुनना चाहते हैं क्योंकि इन अख़बार/टीवी वालों को भाजपा से बतौर इश्तिहार की फ़ीस के हज़ारों करोड़ों की रकम 2014 से ले कर अब तक मिली है! यह महादुर्भाग्य हैं क्योंकि स्वस्थ प्रजातंत्र में प्रचार/प्रसार तंत्र को पूरी तरह निष्पक्ष होना चाहिए और अपनी पसंद-नापसंद श्रोताओं/पाठक-पाठिकाओं/दृष्टाओं पर नहीं थोपनी चाहिए....! वैसे यह नहीं बात नहीं है....! 2009 से 2013 तक भारत के निजी प्रचार/प्रसार तंत्र के बहुतांश लोगों ने तत्कालीन सत्ताधीश सोनिया गाँधी की कांग्रेस की भी इसी तरह महाचाटुकारिता (Hyper sycophancy) की थी…!
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