प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जान बचाने वाले डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को अहसान फरामोश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंसाफ नहीं दिलवाया!
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जान बचाने वाले डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को अहसान फरामोश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंसाफ नहीं दिलवाया! जी, हाँ! चौंकिए मत!
यदि डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी न होते तो मोदी का प्रधानमंत्री बनना तो दूर प्रधान मंत्री-शपथ-ग्रहण-समारोह में पहुँचना ही असंभव हो जाता!
2014 लोकसभा चुनाव के बाद एक आला दर्जे के मुस्लिम फकीर ने अपने रूहानी ईलम का इसतेमाल कर, दो अंगुलियों को बंदूक की शक्ल में बना कर, डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को बताया था कि "नरेंद्र मोदी को कोई अनजान शख्स गोली से उङा देगा और वह प्रधानमंत्री नहीं बनेगा हालाँकि केंद्र में 2019 तक भाजपा का ही शासन रहेगा!"
डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को दया आ गई। उन्होंने अपने टविटर हैंडिल से नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथसिंह को संदेश भेजा कि ये लोग जल्दी से आ कर डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी से भेंट करें ताकि उन्हें देशहित में एक अति गोपनीय महत्वपूर्ण बात बताई जा सके। परंतु, इन धुरंधरों ने इसे मजाक समझा और डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी से मिलने के लिए नहीं आए!
इन लोगों की मूर्खता भाँप कर डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने अपने टविटर हैंडिल पर बहुत सारी टविटस जारी कीं जिनमें उन्होंने लिखा कि उन्हें किसी भी भारतीय का खून बहना बिलकुल भी पसंद नहीं है और उन्होंने भारतीय गुप्तचर एजेंसियों से नरेंद्र मोदी की जान बचाने का विनम्र निवेदन किया!
डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को भलीभाँति ज्ञात था कि भारतीय गुप्तचर एजेंसियाँ उनके टविटर हैंडिल पर कई कारणों से पैनी नजर गडाएँ हुए थीं!
भारतीय गुप्तचर एजेंसियों ने उनके टविटर हैंडिल पर दिए गए संदेश को पढ़ा और तुरंत हरकत में आ गईं तथा नरेंद्र मोदी को गोली से मारने की योजना बना रहे कुछ नौजवानों को एन प्रधान मंत्री-शपथ-ग्रहण-समारोह से पहले ही धर दबोचा जिससे नरेंद्र मोदी की जान बच गई और नतीजतन आज वह प्रधानमंत्री-पद का सत्ता-सुख भोग रहा है!
यदि कोई आपकी जान बचाए तो क्या आप जिंदगीभर उस जान बचाने वाले का अहसानमंद रहेंगे या अहसान फरामोश बन जाएँगे?
अगर आप में थोङी सी भी इंसानियत बाकी होगी तो आप उस जान बचाने वाले देवदूत के अहसानमंद रहेंगे!
परंतु, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उसकी मंडली तो पूरी तरह अहसान फरामोश निकली!
प्रश्न उठता है कि क्या उन्हें डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी की टविटर पर दी गई बात पर यकीन नहीं आया खासकर इस बात के बाद भी कि भारतीय गुप्तचर एजेंसियों ने डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के टविटर हैंडिल पर दिए गए संदेश को पढ़ा और तुरंत हरकत में आ गई तथा नरेंद्र मोदी को गोली से मारने की योजना बना रहे कुछ नौजवानों को एन प्रधान मंत्री-शपथ-ग्रहण-समारोह से पहले ही धर दबोचा जिससे नरेंद्र मोदी की जान बच गई और नतीजतन आज वह प्रधानमंत्री-पद का सत्ता-सुख भोग रहा है! जनाब, उन्हें यकीन तो जरूर आया होगा, मगर इन अहसान फरामोशों ने सीधा सही न सोच कर उल्टा और गलत ही सोचा होगा!
डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के एक अतिकुशाग्र बुद्धिमान शुभचिंतक ने इस प्रश्न का सही उत्तर दिया था," स्वामी जी, ये लोग सोच रहे होंगे कि आप भी शामिल थे, वरना आपको कैसे यह बात पता चली?"
...और शायद इसीलिए डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के "अच्छे दिन" नहीं आए क्योंकि उन्होंने नरेंद्र मोदी की जान बचा कर कुदरत के काम में दखलअंदाजी जो की थी...!
वाह रे नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मंडली!
...यदि तुम्हारा सोच ऐसे ही उल्टा रहा और तुम ऐसे ही अहसान फरामोश बने रहे तो प्रभु तुम्हारी कोई भी सहायता नहीं करेगा...!
अनुसंधानकर्ता टविटर के आरकाईज में जा कर इस संक्षिप्त आलेख में दी गई डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी की टविटर पर दी गई बातों की सत्यता की जाँच सवयं कर सकते हैं...!
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