भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोवाल ने नहीं अपितु डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने पहली बार बताया था कि भारत को आजादी गाँधी जी के कारण नहीं बल्कि सुभाषचंद्र बोस के कारण ही मिली थी!

(1) डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने वर्ष 2005-2009 के दरमयान अपने MSN Geography Group वैबसाइट पर एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने मात्र अपनी अप्रतिम बौद्धिक क्षमता और अचूक तर्क शक्ति के बल पर यह सिद्ध किया था कि भारत को अंग्रेजों से आजादी मोहन दास करमचँद गाँधी के कारण नहीं मिली थी; अपितु  भारत को अंग्रेजों से आजादी सुभाषचंद्र बोस व अन्य तात्कालिक कारणों से ही मिली थी। बाद में यह  लेख डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने अन्य वैबसाइट पर भी प्रकाशित किया था!
वर्ष 2015-2016 में भारत के वर्तमान सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोवाल ने इस लेख की सामग्री चुरा कर  एक सभा में यह कह कर पूरे देश में वाह वाही लूटी कि भारत को अंग्रेजों से आजादी मोहन दास करमचँद गाँधी के कारण नहीं मिली थी; अपितु  भारत को अंग्रेजों से आजादी सुभाषचंद्र बोस व अन्य तात्कालिक कारणों से ही मिली थी! 
भारत के वर्तमान सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोवाल और उनके चापलूसों ने सोशल मीडिया पर यह झूठा प्रचार किया कि  भारत के वर्तमान सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोवाल वह पहले भारतीय हैं जिन्होंने पहली बार यह इतिहास का ज्ञान हमें दिया कि भारत को अंग्रेजों से आजादी मोहन दास करमचँद गाँधी के कारण नहीं मिली थी; अपितु  भारत को अंग्रेजों से आजादी सुभाषचंद्र बोस व अन्य तात्कालिक कारणों से ही मिली थी...!
(2) डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने वर्ष 2005-2009 के दरमयान अपने MSN Geography Group वैबसाइट पर एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने कश्मीर समस्या का विवेचन किया था।  (भारत के वर्तमान सुरक्षा सलाहकार) तथाकथित सुरक्षा एक्सपरट श्री अजीत डोवाल ने उक्त लेख से एक महत्वपूर्ण पंक्ति ज्यों की त्यों चुरा कर  टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में कश्मीर पर लिखे अपने लेख में बिना डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को श्रेय दिए छाप दी!
बाद में डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने इस बाबत टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को ई-मेल द्वारा अवगत करवाया। परंतु,  टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार ने इस चोरी के लिए (भारत के वर्तमान सुरक्षा सलाहकार) तथाकथित सुरक्षा एक्सपरट श्री अजीत डोवाल से कोई भी स्पष्टीकरण नहीं माँगा और ना ही डाॅ स्वामी अप्रतिमानंदा जी से क्षमा माँगी!
अत: स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी से जुङे धुरंधरों को दूसरों के विचार और बौद्धिक उत्पाद चुरा कर उन्हें अपना बता कर पूरा श्रेय खुद हङपने की आदत है!
(Foto: Courtesy The Google)

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