क्या भारतीय अर्थव्यवस्था कभी अमरीका की अर्थव्यवस्था की बराबरी कर पाएगी जब...? CAN BHAARATEY ECONOMY CATCH UP WITH USA WHEN 3500+ COPIES OF BEST BOOK OF 21st CENTURY LAY UNSOLD?



HOW CAN BHAARATEY/INDIAN ECONOMY HOPE TO OUTCOMPETE OR EVEN CATCH UP WITH THE USA/AMERICAN ECONOMY WHEN 3500+ COPIES OF THE BEST BOOK OF THE 21st CENTURY, 'THE VASUDHIOTIC WORLD GOVERNMENT AND THE GREAT INDIAN DREAM OF THE PARAMATANTRATAA' AUTHORED BY Dr SWAAMEE APRTEMAANANANDAA JEE REMAIN UNSOLD FOR THE LAST FOUR YEARS?

IT IS A PUBLIC KNOWLEDGE THAT MOST OF THE DECISIONS AND MUCH OF THE VISION OF THE GOVERNMENT OF INDIA LED BY THE BJP ARE INSPIRED BY AND BASED ON THIS GREAT GOLDEN BOOK - WHETHER THE BJP/NARENDRA MODI MAY LIKE TO ACKNOWLEDGE THIS FACTUAL REALITY AND REAL FACTUALTY OR NOT...!

ANYHOW, MOST OF THE RULING ESTABLISHMENTS/POLITICAL PARTIES THE WORLD OVER ARE HARDLY KNOWN TO ACKNOWLEDGE FACTUAL REALITIES...!

हम कैसे आशा करें कि भारतीय अर्थव्यवस्था कभी अमरीका की अर्थव्यवस्था की बराबरी कर पाएगी जब डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी दवारा अंगरेजी भाषा में रचित इक्कीसवीं शताब्दी के महानतम स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधियोटिक वर्ल्ड गवरनमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ दी परमतंत्रता' की 3500 प्रतियों को भी भारतीय अर्थव्यवस्था गत चार वर्षों में अपने आप में नहीं खपा पाई है?
यह जानकारी अब सभी को ज्ञात है कि भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सलाहकारों ने इस स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधियोटिक वर्ल्ड गवरनमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ दी परमतंत्रता' में दिए गए स्वर्णिम सुझावों के आधार पर ही अधिकांश नीतिगत निर्णय लिए हैं! इस सत्य को पूर्णतः स्वीकार करने के लिए अति विशाल ह्रदय का होना अति आवश्यक है...!

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