क्या भारतीय जनता पार्टी वास्तव में कुछ मुट्ठीभर चंद महास्वार्थी बनियों और कुछ मुट्ठीभर चंद महास्वार्थी ब्रह्मणों द्वारा नियंत्रित महास्वार्थी राजनैतिक दल है?

क्या भारतीय जनता पार्टी वास्तव में कुछ मुट्ठीभर चंद महास्वार्थी बनियों और कुछ मुट्ठीभर चंद महास्वार्थी ब्रह्मणों द्वारा नियंत्रित महास्वार्थी राजनैतिक दल है?

जी हाँ! प्रतीत तो यही होता है कि भारतीय जनता पार्टी वास्तव में कुछ मुट्ठीभर चंद महास्वार्थी बनियों और कुछ मुट्ठीभर चंद महास्वार्थी ब्रह्मणों द्वारा नियंत्रित महास्वार्थी राजनैतिक दल है! तभी तो भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रियों में 90 % से भी ज्यादा मंत्री ब्राह्मण जाति से हैं !
तभी तो नरेंद्र मोदी ने अपने साथी बनिये मनोहर लाल खटटर को जाट-और-राजपूत-बहुल राज्य हरियाणा में मुख्यमंत्री के रूप में लाद दिया है ! तभी तो नरेंद्र मोदी ने अपने साथी बनिये विजय रुपानी को पटेल- बहुल राज्य गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में लाद दिया है !
तभी तो बनियों द्वारा नियंत्रित दी हिंदुस्तान टाइम्स जैसे बड़े भारतीय अंग्रेजी समाचार पत्रों ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत को अमित शाह जैसे बनियों द्वारा राजनीती में बनियों को वर्चस्व दिलाने के रूप में पेश किया था और लगे हाथ विभिन्न क्षेत्रों में शिखर पर आसीन बड़े बड़े धन्ना सेठ बनियों के नामों की लिस्ट भी छाप दी थी तथा अमित शाह को राजनीती का bold baniya (निडर बनिया) बताया था!
मैं भारत के सभी कर्मठ, देशभक्त और नेकदिल ब्राह्मणों और बनियों का पूरा सम्मान करता हूँ क्योंकि ये सभी भारत देश की विद्या और वाणिज्य के क्षेत्रों में अप्रतिम सेवा कर रहे हैं ! 
परंतु , भारतीय जनता पार्टी के बनिया और ब्राह्मण जाति से आये अधिकांश नेता - नेत्री महाछुद्र और महास्वार्थी हैं !
तभी तो स्वयं को पिछड़ा जाति का बताने वाले तेली बनिये प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उसकी टीम ने अपने साथी राजपूत मंत्री राजनाथ सिँह को भारत का राष्ट्रपति नहीं बनने दिया यह बहाना बना कर कि केंद्रीय मंत्रियों को छोड़ा नहीं जा सकता! परंतु , नरेंद्र मोदी और उसकी टीम ने केंद्रीय मंत्री नायडू को उप राष्ट्रपति और अमित शाह को राज्य सभा का सांसद बनने दिया!
तभी तो 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के तीन महीनों के अंदर अंदर डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया था !
तभी तो 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व अखिल भारतीय काँग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने बिल्कुल सही कहा था कि धूर्त नरेंद्र मोदी भोले भाले साधु संतों को मूर्ख बना कर उनका सरदार / नेता बन बैठा है ! 
नरेंद्र मोदी , अमित शाह और उनकी टीम को महाधूर्त और महास्वार्थी ही माना जाएगा क्योंकि इन्होंने बेचारे डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के स्वर्णिम ग्रंथ से पूरा पूरा लाभ ले कर भी डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी को ना कोई सम्मान ही दिया और ना ही डॉ स्वामी
अप्रतिमानंदा जी को 1991 के चाँदी प्रकरण में न्याय दिलवाया ! नरेंद्र मोदी , अमित शाह और उनकी टीम को धूर्त ही माना जाएगा क्योंकि अच्छे दिन केवल इनकी जूतियाँ चाटने वाले इनके अपने चापलूसों के ही आयें हैं ! नरेंद्र मोदी , अमित शाह और उनकी टीम को धूर्त ही माना जाएगा क्योंकि अच्छे दिन केवल इनकी जूतियाँ चाटने वाले इनके अपने चापलूस बड़े बड़े बनियों (उद्योगपतियों) के ही आयें हैं जो बड़ी बड़ी सरकारी संस्थाओं में बड़े बड़े पदों पर आसीन हो गयें हैं और जिनका लाखों करोड़ों का सरकारी क़र्ज़ माफ़ कर दिया गया है !
काँग्रेस की असंवेदनशीलता और कुशासन से तंग आ कर , वर्ष 2014 में आम जनता ने काँग्रेस-मुक्त भारत बनाने के लिए भाजपा को जिताया था ! परंतु , अब भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी पूर्ण रूपेण काँग्रेसीकरण हो गया प्रतीत होता है! अतः आइये आज 15 अगस्त 2017 के पावन राष्ट्रीय त्यौहार के शुभ अवसर पर हम सभी भोले - भाले, सहृदय , नेकदिल और देशभक्त हिंदुस्तानी प्रण करें कि वर्ष 2018-2019 में भारत को महाधूर्त और महास्वार्थी भाजपा से मुक्ति दिला कर भारत को भाजपा-मुक्त भारत बनाएँ तथा ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी को सत्ता में लाएँ!

- स्वामी मूर्खानन्द जी

[फ़ोटो: ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के सौजन्य से] 

[टिप्पणी: इस लेख में व्यक्त विचार स्तंभकार स्वामी मूर्खानन्द जी के अपने स्वयं के व्यक्तिगत विचार हैं। इन विचारों से ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का सहमत होना कोई अनिवार्य नहीं है। इस संबंध में न्यायिक विवादों के निपटारे हेतु दिल्ली उच्च न्यायालय ही एक मात्र विकल्प है।]

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