भारतीय जनता पार्टी की सरकार विचार तो डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के लागू कर रही और श्रेय श्री नरेंद्र मोदी स्वयं की झोली में उड़ेलने में मग्न ...!

भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी की टीम और सरकार विचार तो सहिष्णु/समग्र मानवतावाद (Humane/Integrated
Humanism) के प्रवर्त्तक पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के समग्र साहित्य और उनके अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' में से पढ़ कर लागू कर रही है ,
परंतु नरेंद्र मोदी सरकार के सभी अच्छे कार्यों का सारा श्रेय भाजपा के श्रद्धेय पूर्वज एकात्म मानवतावाद (One Soul/Integral Humanism) के प्रवर्त्तक पंडित दीन दयाल जी को दे रही है ! वाह री एकात्म मानवतावाद की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी...!

एक बानगी देखिये :

(१) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' रेडियो संदेश में जनता को, गायों द्वारा प्लास्टिक खाकर मरने की बात तो बताते हैं , परंतु यह बात नहीं बताते हैं कि मोदी को यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी की उस हिंदी कविता में से उठा कर दिया था जिसमें गायों द्वारा प्लास्टिक खाकर मरने की बात पर दुःख प्रकट किया गया है।

(२) भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ग़रीब / दलित के घर जमीं पर बैठ कर खाना खाते हैं और उसकी तस्वीरें अखबारों में आती हैं , परंतु अमित शाह यह बात नहीं बताते हैं कि अमित शाह को यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी की उस व्यंगात्मक अंग्रेजी कहानी में से उठा कर दिया था जिसमें नेता ग़रीब के घर में भोजन करने का नाटक कर जनता को मूर्ख बनाता है।

(३) संस्कृति मंत्री महेश शर्मा सभी नेताओं /स्मारकों को साफ रखने का आदेश जारी करते हैं ,  परंतु महेश शर्मा यह बात नहीं बताते हैं कि महेश शर्मा को यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी की उस व्यंगात्मक हिंदी कविता 'बापू की पुकार' में से उठा कर दिया था जिसमें मोहनदास करमचंद गाँधी जी की प्रतिमा अपनी नियमित साफ सफाई न होने और आदर्शों का पालन न होने से परेशान हो कर स्वयं को संग्रहालय में जमा करवाने की कातर पुकार करती है।

(४) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम और सरकार 'कोस्टल एम्प्लॉयमेंट ज़ोन' की संकल्पना करती है , परंतु यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी की उस हिंदी कविता में से उठा कर दिया था जिसमें मछुवारों की ख़राब आर्थिक हालत पर दुःख प्रकट किया गया है।  

(५) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वी आई पी कल्चर समाप्त करने हेतु नेताओं /सरकारी अधिकारियों के वाहनों से लाल बत्ती तो हटवा दी , परंतु यह बात नहीं बताई कि मोदी को यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' में से में से उठा कर दिया है।

(६) दुनिया हैरान और राहुल गाँधी जी की कांग्रेस पार्टी परेशान है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधार कार्ड का २०१४ लोकसभा चुनाव में विरोध करने के बावज़ूद , सत्ता में आने पर लागू कर दिया है। परंतु , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' में से में से उठा कर दिया है।

(७) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ बड़ी योजनाओं का हर २-३ साल बाद रिव्यू / आकलन करने का नीतिगत निर्णय लिया है , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' में से में से उठा कर दिया है।

(८) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के लिए बैंक खाते खुलवाये , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें १५ वर्ष की आयु वाले हर प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए बैंक खाता अनिवार्य रूप से खोलने की बात कही गई है।

(९) अभिनेता मनोज कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें अभिनेता मनोज कुमार के साथ एक मामले में हो रहे अन्याय की बात कही गई है।

(१०) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वर्ष २०१७ हेतु जनता से पद्म पुरस्कारों के लिए आवेदन मँगवाये थे , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें सभी बड़े राष्ट्रीय पुरस्कारों हेतु सीधे सीधे जनता से आवेदन मँगवाने की बात कही गई है।

(११) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सभी सरकारी कामों हेतु जनता द्वारा सेल्फ सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया लागू की है , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें सभी सरकारी कामों हेतु जनता द्वारा सेल्फ सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को सरकार द्वारा लागू करवाने की बात कही गई है।

(१२) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बँगला देश सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा विवाद सुलझाने हेतु एन्क्लेव्ज की अदला - बदली की प्रक्रिया लागू की है , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें बँगला देश सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा विवाद सुलझाने हेतु एन्क्लेव्ज की अदला - बदली की प्रक्रिया को लागू करवाने का सुझाव भारत सरकार को दिया गया है।

(१३) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 'डिजिटल कैश पेमेंट' की प्रक्रिया लागू की है , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें मोबाइल-फोन-पर-आधारित डिजिटल कैश पेमेंट की प्रक्रिया को देश के आर्थिक हित में लागू करवाने का सुझाव दिया गया है।

(१४) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने विभिन्न प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु डिज़िटाइज़ेशन की प्रक्रिया लागू की है , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें विभिन्न प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु डिज़िटाइज़ेशन की प्रक्रिया लागू करवाने का सुझाव दिया गया है ताकि भ्र्ष्टाचार रुके और आम जनता को राहत मिले।

(१५) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें पूरे देश को स्वच्छ बनाने की बात कही गई है।

(१६) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने योग को महामंडित करने में बहुत ज़ोर लगाया है , परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात नहीं बताते हैं कि उन्हें यह ज्ञान उनकी टीम ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' पढ़ कर दिया है, जिसमें राष्ट्र और मानवता की उन्नति हेतु योग करने की बात पर पूरा बल दिया गया है।

(१७) भारतीय जनता पार्टी ने पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के 'सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय' नारे को ही सरलीकरण कर हिंदी में तोड़ -मरोड़ कर रेपैकेज़िंग कर 'सबका साथ सबका विकास' बना दिया ! 

जब आप 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' ग्रंथ पढ़ते हैं और पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के समग्र लेखन का अवलोकन करते हैं तो पूरी तरह समझ में आ जाता है कि भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी की टीम और सरकार विचार तो सहिष्णु/समग्र मानवतावाद (Humane/Integrated Humanism) के प्रवर्त्तक पंडित डॉ स्वामी अप्रतिमानंदा जी के समग्र साहित्य और उनके अंग्रेजी भाषित स्वर्णिम ग्रंथ 'दी वसुधीऑटिक वर्ल्ड गवर्नमेंट एंड दी ग्रेट इंडियन ड्रीम ऑफ़ दी परमतंत्रता' में से उठा/पढ़ कर लागू कर रही है , परंतु सारा का सारा श्रेय श्री नरेंद्र मोदी स्वयं की झोली में उड़ेलने में मग्न हैं...!


- स्वामी मूर्खानन्द जी

[फ़ोटो: ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी के सौजन्य से] 

[टिप्पणी: इस लेख में व्यक्त विचार स्तंभकार स्वामी मूर्खानन्द जी के अपने स्वयं के व्यक्तिगत विचार हैं। इन विचारों से ऑल इंडिया इंसानियत पार्टी का सहमत होना कोई अनिवार्य नहीं है। इस संबंध में न्यायिक विवादों के निपटारे हेतु दिल्ली उच्च न्यायालय ही एक मात्र विकल्प है।]


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