DISPLAY OF EXCEPTIONAL GALLANTRY BY WAAMEE APRTEMAANANDAA JEE LED TO SINGLE-HANDED SEIZURE OF SMUGGLED SILVER WEIGHING 3 AND A HALF TON WHICH WAS WORTH RUPEES 2.5 CRORES IN JANUARY, 1991.
He had effected a bold seizure of 113 silver ingots/bricks weighing 3541.327 Kg, and other contraband goods worth Rupees 2.5 crore (approximate value as in year 1991) on the silvery night of 29th/30th of January in 1991 at grave risk to his life under most adverse circumstances.
See, the interesting heroic story in Hindi language in a post on the now defunct www.msnusers.com/geography
जनवरी 1991 की चाँदनी रात में स्वामी अप्रतिमानंदा जी ने कोंकण में पश्चिमी भारतीय तट पर सावनी - आंजर्ले के बियावान सुनसान समुद्रीय तट पर अकेले ही 20-25 स्मगलरों से लोहा लेते हुए अत्यन्त विषम परिस्थितियों में विलक्षण शूर वीरता का प्रदर्शन करते हुए उस समय की कीमत के हिसाब से ढाई करोड़ रुपयों की लगभग साढ़े तीन टन अवैध चाँदी स्मगलरों से जब्त की।
पूरी लोमहर्षक दिलचस्प कहानी www.msnusers.com से साभार नीचे उद्धृत है।
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